-
Advertisement
#Himachal का मंडी जिला प्रशासन प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड से नवाजा
मंडी। हिमाचल के मंडी जिला प्रशासन (Mandi district administration) को प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड (गोल्ड) से नवाजा गया है। जिला प्रशासन को आईआईटी मंडी (IIT Mandi) के सहयोग से विकसित किए गए भू-स्खलन निगरानी एवं प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (Landslide monitoring and early warning system) के लिए यह अवार्ड मिला है। बता दें स्कॉच अवार्ड के लिए पूरे भारतवर्ष से 1100 से अधिक सरकारी व निजि प्रतिभागियों ने भाग लिया था। 22 दिसंबर को दिनभर चली छंटनी प्रक्रिया के उपरान्त जिला प्रशासन मंडी को बचाव एवं सुरक्षा श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। डीसी मंडी (DC Mandi) ऋग्वेद ठाकुर ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया के कोटरूपी में वर्ष 2017 में हुए भयंकर भू-स्खलन के उपरान्त जिला प्रशासन इस बारे में सोच रहा था कि कोई ऐसी प्रणाली विकसित की जाए जिसके प्रयोग से सम्भावित क्षेत्रों में भू-स्खलन हेतु प्रारंभिक चेतावनी जारी की जा सके। जिला प्रशासन के सहयोग से आईआईटी मंडी ने ऐसी असरदार और किफायती प्रणाली विकसित की है जो किसी भी भू-स्खलन की संभावना को पहले ही भांप लेती है और यदि ऐसी कोई आशंका हो तो तुरंत इसकी सूचना एसएमएस (SMS) के माध्यम से जिला प्रशासन (district administration) व अन्य अधिकारियों को मिल जाती है। साथ ही ऐसे क्षेत्रों में स्थापित हूटर तुरन्त बजने लगता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में ऐसे 10 यंत्र कोटरूपी, गुम्मा, हणोगी, थलौट व डयोड इत्यादि स्थानों पर लगाए गऐ हैं, जहां भू-स्खलन की सम्भावना अत्याधिक है। ये प्रणाली संभावित भू-स्खलन का पता लगाने में बहुत की कारगर साबित हुई है और जिला प्रशासन अन्य संभावित खतरे वाले स्थानों पर इसे लगाने पर विचार कर रहा है। उन्होंने प्रतिष्ठित स्कॉच अवार्ड ( Skoch Award) मिलने पर मंडी जिला की जनता को बधाई दी है और आईआईटी मंडी की पूरी टीम व सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के सहयोग की सराहना करते हुए आभार जताया है। वहीं, एडीएम श्रवण मांटा ने कहा कि भू स्खलन निगरानी एवं प्रारम्भिक चेतावनी प्रणाली लगाने से जिला में कई बहुमूल्य जीवन की रक्षा हुई है। जिला प्रशासन आगे भी आधुनिक तकनीकी के उपयोग को बढ़ावा देकर जनसेवा में तत्परता से काम करता रहेगा।