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सीमा पर तनाव के बीच Kashmir से लेकर नॉर्थ-ईस्ट तक लाखों सैनिक तैनात; हिमाचल में अतिरिक्त Troops भेजे गए
नई दिल्ली। लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Vally) में 20 भारतीय सैनिकों की शाहादत के बाद अब दोनों देशों की सीमाओं के बीच जबर्दस्त तनाव देखने को मिल रहा है। चीन की तरफ से जहां सीमा के आसपास सैनिकों की आवाजाही बढ़ने के संकेत मिल हैं, वहीं भारत की तरफ से भी पुरजोर तैयारियां की जा रही हैं। हालांकि इस सब सब के बीच सरहद पर शांति बहाली के प्रयास भी हो रहे हैं। इस सब के बीच भारतीय सेना चीन के सामने हर मोर्चे पर डटी हुई है। रिपोर्ट्स के अनुसार लद्दाख में 3 इंफैंट्री डिविजन डिप्लायड हैं। इसके अलावा ऊंचाई पर युद्धाभ्यास करने वाली दो अलग-अलग ब्रिगेड भी तैनात हैं। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) से लगती सीमा के रखरखाव के लिए वहां अतिरिक्त ट्रूप्स भेजे जा चुके हैं।
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सीमाओं पर तैनात है 2 लाख से अधिक भारतीय जवान, देश सुरक्षित
इसके अलावा उत्तराखंड (Uttarakhand) में गढ़वाल और कुमाऊं सेक्टर में सैन्य बल बढ़ा दिया गया है। वहीं उत्तरकाशी के चिन्यालिसौर में एयरफोर्स ने हवाई पट्टी को एक्टिव कर दिया है। इसके अलावा सिक्किम में सैन्य बल बढ़ाया जा चुका है। अरुणाचल प्रदेश में भी भारत ने पूरा इंतजाम कर रखा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जम्मू कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल में उत्तरी आर्मी कमांड में 34,000 भारतीय सैनिक तैनात हैं। वहीं उत्तराखंड में केंद्रीय आर्मी कमांड में 15,500 सैनिक तैनात किए गए हैं। इसके अलावा सिक्किम, अरुणाचल, असम, नागालैंड और बंगाल में पूर्वी आर्मी कमांड में 1 लाख 75 हज़ार 500 सैनिक तैनात हैं। इस तरह सैनिकों की कुल संख्या हो जाती है 2,25,000।
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मैदान और पर्वतीय क्षेत्रों में सबसे ज्यादा अनुभवी सेना भारत के पास
सुकना में 33 कोर, तेजपुर में 4 कोर, रांची में 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर को भारत ने तैनात कर दिया है। इसके अलावा वायु सेना की ओर से एलएसी से सटे बेस पर लड़ाकू विमानों की तैनाती भी की गई है। साथ ही नौसेना ने हिंद महासागर में अपनी ताकत को बढ़ाना शुरू कर दिया है। ऐसे में देखें तो एलएसी पर अतिरिक्त जवानों की तैनाती से लेकर हिंद महासागर में नौसेना के बेड़े को बढ़ाने तक। जल-थल और नभ में भारत ने जिस तरह अपनी शक्ति को स्थापित किया है, उससे पार पाना भी चीन के लिए बिल्कुल आसान नहीं होगा। गौरतलब है कि पहाड़ी मैदान और पर्वतीय क्षेत्रों में सबसे ज्यादा अनुभवी सेना सिर्फ भारत के पास है और 12 डिवीजन में 2 लाख सैनिकों के साथ भारत दुनिया की सबसे शक्तिशाली माउंटेन फाइटिंग फोर्स है।