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#Monsoon_Session : थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही आ पाएंगे Vidhansabha में मंत्री व विधायक
शिमला। कोरोना काल के बीच सात सितंबर से होने वाले हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र ( Monsoon session of Himachal Pradesh vidhansabha)के लिए मंत्री और विधायक बिना जांच के सदन में नहीं आएंगे। सभी को थर्मल स्क्रीनिंग (Thermal screening) करवानी होगी। यह बात विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने मीडिया से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने सभी मंत्रियों और विधायकों से अपील करते हुए कहा कि वे निजी सहायक या पीएसओ में से किसी एक को लेकर ही विधानसभा आएं। सत्र के दौरान विधानसभा परिसर में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ( Paramedical staff) नियुक्त रहेंगे। किसी का भी तापमान ज्यादा पाया गया तो उसे डिस्पेंसरी में आईसोलेशन में भेजा जाएगा। विस अध्यक्ष ने कहा कि जुकाम और बुखार के लक्षण वाले लोग घर से ही न आएं।
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प्रश्नकाल खारिज नहीं किया गया है
कोरोना काल के बीच सात सितंबर से होने वाले हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के लिए आज सर्वदलीय बैठक हुई। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, वामपंथी विधायक राकेश सिंघा, निर्दलीय होशियार सिंह शामिल हुए। विस अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने बताया कि दस दिन के सत्र को चलाने के लिए सभी ने सहमति जताई है। बैठक में 7 से 18 सितंबर तक आयोजित किए जाने वाले 10 दिवसीय मानसून सत्र पर चर्चा की गई। सत्र के लिए 570 तारांकित, 288 अतारांकित सवाल विधायकों की तरफ से आए हैं । विधायकों ने 62, 101 और 103 नियम के तहत भी चर्चा की मांग की है। संसद की तर्ज पर प्रश्नकाल होगा। इसे खारिज नहीं किया गया है। मानसून सत्र के लिए विधानसभा को पूरी तरह से तैयार किया गया है। सदन में सभी सदस्यों की सीटों के आसपास Polycarbonate sheets लगाई गई हैं ताकि सुरक्षित दूरी बनी रहे।