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कहां है वो सिंधिया परिवार का चमत्कारी शिवलिंग….राजपरिवार क्यों मानता है इसे खास? जानिए
Miraculous Shivling: सिंधिया राजपरिवार (Scindia Family) के पास एक चमत्कारी शिवलिंग हैं जिसके तार पानीपत की तीसरी लड़ाई (Panipat War 3) के साथ जुड़े हुए हैं। इस शिवलिंग को राजपरिवार के पूर्वजों द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित किया जा रहा है। ये शिवलिंग सिंधिया परिवार के लिए बेहद खास है। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने शिवलिंग की कहानी के बारे में बताया है और अब शिवलिंग कहा हैं इसका खुलासा भी उन्होंने किया है।
अभी भी परिवार में है शिवलिंग
केंद्रीय मंत्री ने द लल्लनटॉप को दिए एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि वह शिवलिंग अभी भी परिवार में ही है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवलिंग को लेकर कहा कि ‘ ये बहुत ही भावनात्मक कहानी है’। उन्होंने बताया कि पानीपत की तीसरी लड़ाई में सिंणिया राजपरिवार के केवल एक ही पूर्वज बचे थे, जिनका नाम महादजी शिंदे था। महादजी शिंदे (Mahadji Shinde) बुरी तरह लहुलूहान हो गए थे और उनका एक पैर रणभूमि में कट गया था, और वह वहीं गिर पड़े थे। कहानी ये थी कि उनकी पगड़ी में हमारा शिलिंग था जिस वजह से केवल वहीं युद्ध में जीवित रहे थे।
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पत्नी, मां, को बेचकर सेना को खड़ा किया
केंद्रीय नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आगे बताया कि लड़ाई से जीवित रहने पर महादजी शिंदे ने 10 साल के अंदर मराठा सम्राज्य को फिर खड़ा किया। उन्होंने अपनी पत्नी, मां और जेवरात को बेचकर मराठा सेना (Maratha Army) को दोबारा खड़ा किया था। पहले वह हिंदू शासक बने जिन्होंने पहली दफा लाल किले पर भगवा फहराया। ये 10 फरवरी 1771 के समय की बात है।
-नेशनल डेस्क