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महिला आरक्षण बिल को मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी, नई संसद में पेश होगा बिल
संसद के विशेष सत्र के बीच पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कैबिनेट की अहम बैठक (Cabinet meeting) बुलाई और इस बैठक में महिला आरक्षण बिल(Women Reservation Bill) को मंजूरी दे दी गई है। यह बिल कल 19 सितंबर या 20 सितंबर को नई संसद में पेश किया जाएगा। नई संसद (New Parliament)में यह पहला बिल पेश होगा और बिल पारित होने के बाद नई संसद का पहला कानून होगा। सूत्रों के मुताबिक, मोदी कैबिनेट ने महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत महिला आरक्षण को अपनी मंजूरी दी है। सोमवार, 18 सितंबर से शुरू हुआ है और इस विशेष सत्र में कई महत्वपूर्ण बिल पर चर्चा होने की बात कही जा रही है। विशेष सत्र का पहला दिन तो पुराने संसद भवन में ही हुआ लेकिन दूसरे दिन यानी 19 सितंबर से संसद की कार्यवाही अब नए संसद भवन में होगी।
कांग्रेस कार्य समिति ने मांग की है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान महिला आरक्षण विधेयक को पारित किया जाना चाहिए। ये इस मुद्दे से संबंधित कुछ तथ्य हैं:
1. सबसे पहले राजीव गांधी ने 1989 के मई महीने में पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं के एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 17, 2023
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा कि महिला आरक्षण लागू करने की कांग्रेस पार्टी (Congress Party)की लंबे समय से मांग रही है। हम केंद्रीय मंत्रिमंडल के कथित फैसले का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। विशेष सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में इस पर अच्छी तरह से चर्चा की जा सकती थी और गोपनीयता के पर्दे के तहत काम करने के बजाय सर्वसम्मति बनाई जा सकती थी।
कांग्रेस कार्य समिति ने मांग की है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान महिला आरक्षण विधेयक को पारित किया जाना चाहिए। ये इस मुद्दे से संबंधित कुछ तथ्य हैं:
1. सबसे पहले राजीव गांधी ने 1989 के मई महीने में पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं के एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन…
कांग्रेस पार्टी लंबे समय से महिला आरक्षण को लागू करने की मांग कर रही है। हम कथित तौर पर सामने आ रहे केंद्रीय मंत्रिमंडल के फ़ैसले का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। विशेष सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में इस पर अच्छी तरह से चर्चा की जा सकती थी और पर्दे के…
मौजूदा लोकसभा में 78 महिला सांसद हैं, जो कुल संख्या 543 का 15 प्रतिशत से भी कम हैं। आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा और पुडुचेरी सहित कई राज्य विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से कम है।हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group