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हिमाचल: धरातल पर दिखेगी लुप्त हो रही सरस्वती नदी, हरियाणा में साइन हुआ एमओयू
शिमला। हिमाचल के सिरमौर (Sirmaur) जिला से निकलने वाली सरस्वती नदी आज विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुकी है। जिसे पुनः जीवित करने के लिए हिमाचल और हरियाणा सरकार ने मिलकर काम करना शुरू कर दिया है। वैदिक मंत्रों या पौराणिक पुस्तकों में मिलने वाली सरस्वती नदी (Saraswati River) अब धरातल पर भी नजर आएगी। शुक्रवार को पंचकूला के सेक्टर-1 स्थित पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल और हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) की मौजूदगी में आदिबद्री बांध (Adi Badri Dam) निर्माण के लिए दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों ने राज्य सरकारों की ओर से समझौता ज्ञापन ( एमओयू साइन ) पर हस्ताक्षर किए।
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इस बांध के निर्माण पर 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके तहत तीन किलोमीटर लंबी झील बनेगी। इसके लिए हिमाचल प्रदेश की 77 हेक्टेयर और हरियाणा (Haryana) की 11 हेक्टेयर भूमि पर 35 मीटर ऊंचे बांध का निर्माण होगा। हिमाचल सरकार (Himachal Govt) इसके लिए सिरमौर जिला की सीमा पर जमीन दे रहा है। इस बांध के बन जाने के बाद विलुप्त हो चुकी सरस्वती नदी में पानी छोड़ा जाएगा। आदिबद्री बांध के निर्माण से हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के किसानों को सिंचाई एवं पेयजल की आपूर्ति होगी।
इस अवसर पर हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि ये हमारे लिए सौभाग्य कि बात है कि आज एक पवित्र काम की शुरुआत हुई है। इस ऐतिहासिक अवसर पर सीएम जय राम ठाकुर ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन से पीएम नरेंद्र मोदी का सपना पूरा होगा। उन्होंने 3 अप्रैल, 2014 को कुरूक्षेत्र में जनसभा को संबोधित करते हुए सरस्वती नदी का पुनरूत्थान करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई थी। उन्होंने कहा कि हम हरियाणा के साथ सांझा प्रयास कर रहे हैं ताकि सरस्वती नदी जमीन पर दिख सके।
आदिबद्री बांध निर्माण को लेकर हरियाणा और हिमाचल सरकार के बीच शुक्रवार को पंचकूला में आयोजित समारोह में MoU साइन हुआ। मुख्यमंत्री श्री @mlkhattar और हिमाचल के मुख्यमंत्री श्री @jairamthakurbjp की मौजूदगी में दोनों प्रदेश के मुख्य सचिव ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। #Haryana pic.twitter.com/x3QXtehQEv
— DPR Haryana (@DiprHaryana) January 21, 2022
इस परियोजना से 21 परिवार होंगे विस्थापित
सीएम जयराम ने कहा कि इस परियोजना से प्रदेश के केवल 21 परिवार विस्थापित होंगे जिनका समुचित पुनर्वास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विस्थापितों को पुनर्वास पैकेज और जलवायु संरक्षण पैकेज के साथ भविष्य में आदि बद्री बांध से संबंधित लागतध्व्यय हिमाचल प्रदेश की प्रचलित नीतियों व अन्य प्रचलित कानूनों के अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा वहन किया जाएगा तथा इससे संबंधित कोई भी देनदारी हिमाचल प्रदेश को हस्तांतरित नहीं की जाएगी।।
सरस्वती नदी होगी पुनर्जीवित
जय राम ठाकुर ने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने पर सरस्वती नदी फिर से पुनर्जीवित हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कुल प्रस्तावित क्षेत्र में से 31ण्16 हेक्टेयर भूमि हिमाचल प्रदेश की है जिसमें से 0ण्67 हेक्टेयर निजी भूमि और 30ण्49 हेक्टेयर वन भूमि शामिल है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की सोंब नदी से बांध को 224 हेक्टेयर मीटर जल की आपूर्ति होगी जो यमुना नगर जिले में आदिबद्री के समीप यमुना में मिलती है। उन्होंने कहा कि आदिबद्री बांध और इससे संबंधित अधोसंरचना के लिए एचपीपीसीएल कार्यकारी संस्था होगी।
वहीं सीएम मनोहर लाल ने 1987 में आदिबद्री से कच्छ तक हुई सरस्वती नदी यात्रा में हिस्सा लिया था। पीएम नरेंद्र मोदी (पीएम नरेंद्र मोदी)भी सरस्वती नदी हेतु काम करने के लिए हमें प्रेरित कर चुके हैं। इस प्रोजेक्ट से पर्यटन की भी नई संभावनाएं पैदा हो सकेंगी और रोजगार के अवसर और पानी की समस्या भी दूर होगी।
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