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लाइसेंस बनाने में दलालों से मिलेगी मुक्ति, RTO बॉडी कैमरा लगाकर जाएंगे चालान करने- बोले मुकेश
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा है कि लाइसेंस बनाने के लिए अब दलालों से मुक्ति मिलेगी। एचआरटीसी व परिवहन विभाग दोनों में ही हेल्प डेस्क स्थापित किए जा रहे हैं। आरटीओ जब भी चालान करने जाएंगे तो बॉडी कैमरा लगाकर जाएंगे। मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) ने ट्रांसपोर्ट बेरियर में ऑटोमेटिक नम्बर प्लेट सत्यापन प्रणाली लगाने का भी ऐलान किया है। उन्होने इसका फायदा बताते हुए कहा कि इससे गाड़ी तेज चला रहे हैं,पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, आरसी सहित सारा रिकॉर्ड विभाग के पास खुद आ जायेगा साथ ही विभाग को चोरियां रोकने और रेवेन्यू (Revenue) बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस बनाने शिमला नहीं आना पड़ेगा
राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस (International Driving License) बनाने के लिए अब लोगों को शिमला के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। लोग अपने एसडीएम और आरटीओ के पास जाकर इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस बना सकेंगे। इसके लिए उन्हें जरूरी दस्तावेज यहां जमा करवाने होंगे। इससे पहले इंटरनेशनल लाइसेंस बनाने के लिए लोगों को परिवहन निदेशालय शिमला आना पड़ता था। लोगों की सहुलियत को देखते हुए प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया है। अब लोगों को सामान्य लाइसेंस बनाने के लिए आरटीओ कार्यालय (RTO office) नहीं आना पड़ेगा। घर बैठे आसानी से लाइसेंस बना सकेंगे। उन्होंने कहा कि आधार लिंक किया जा रहा है। जिससे यह दिक्कत खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 12 जगहों पर ओटोमेटिक नंबर डिटेक्टर सिस्टम प्रणाली(Automatic Number Detector System System) को स्थापित किया जाएगा। इसमें वाहनों के नंबर प्लेट पढऩे की क्षमता होगी। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली से कौन वाहन ज्यादा तेज चल रहा है , फोन पर चालक बात कर रहा है, खतरनाक तरीके से वाहन चला रहा है सब कुछ रिकॉर्ड हो जाएगा। इसके अलावा प्रदेश में चोरी होने वाले वाहनों पर भी अंकुश लगेगा।
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लक्ष्य से ज्यादा राजस्व अर्जित करेगा परिवहन विभाग
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि परिवहन विभाग (Transport Department) इस वर्ष निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा राजस्व अर्जित करेगा। यह बात प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कही है। विभाग ने 775 करोड़ का लक्ष्य रखा है और अब तक 323 करोड़ अर्जित किये गए हैं। विभाग ने ऑनलाइन ई ऑक्शन से वीवीआईपी नम्बरो को बेचकर 6 करोड़ कमाए हैं।
HRTC लगेज पॉलिसी और मंदिरो में VIP दर्शनों पर दी सफाई
इसके अलावा मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) ने एचआरटीसी में लगेज पॉलिसी और मंदिरो में वीआईपी दर्शनों पर भी सफाई दी। उन्होने कहा कि एचआरटीसी में लगेज पॉलिसी इसलिए लाई ताकि जो लोग एचआरटीसी (HRTC) के माध्यम से व्यापार कर रहे उनसे पैसा लिया जा सके। अगर कोई व्यक्ति बस में सफर नहीं कर रहा है और कुछ सामान बस में भेज रहा है उसका एचआरटीसी को पैसा मिलना चाहिए। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि चिंतपूर्णी मंदिर (Chintpurni Temple) में माथा टेकने के लिए सिफारिश होती थी उसके लिए वीआईपी दर्शन या सुगम दर्शन के लिए 1100 पांच आदमियों से लिए जा रहे हैं इससे मन्दिर की आय में इज़ाफा हो रहा है। वीआईपी दर्शन से 26 दिन में 40 लाख की आय हो चुकी है।अगर मंदिर की आय में बढ़ौतरी हुई तो इसमें गलत क्या है।