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चंडीगढ़ : नगर निगम में अब पेट्रोल चोरी पर रहेगी नजर, Software बताएगा कितनी चली गाड़ी
चंडीगढ़। शहरों में गाड़ियों से पेट्रोल-डीजल की चोरी के मामले बढ़ रहे हैं। लेकिन अब नगर निगम चंडीगढ़ में गोदाम से पेट्रोल-डीजल चोरी नहीं हो पाएगा। निगम सभी सरकारी गाड़ियों के पेट्रोल टैंक पर चिप लगवा रहा है। इस चिप का सर्वर सॉफ्टवेयर (Software) के माध्यम से कंप्यूटर पर जोड़ा गया है। किस गाड़ी में कितना पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) डला और कितना किलोमीटर चलने पर गाड़ी से यह खर्च हुआ, इसकी पूरी जानकारी अब सर्वर पर रहेगी।निगम के पास मौजूद 500 वाहनों में से 460 गाड़ियों में सेंसर लगाया जा चुका है।
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दरअसल, पिछले साल जुलाई में बागवानी विभाग में एक कर्मचारी गोदाम से निजी गाड़ी में तेल डालते हुए पकड़ा गया था। किसी ने इसका वीडियो बना लिया था। वीडियो वायरल होने पर संबंधित व्यक्ति को निलंबित कर दिया गया था। निगम आयुक्त केके यादव ने बताया कि कई बार पेट्रोल-डीजल चोरी की शिकायत (Theft complaint) आती थी। इसके अलावा कर्मचारी गाड़ियों में पेट्रोल-डीजल न होने का बहाना बनाकर भी क्षेत्र में काम पर नहीं पहुंचते थे। इससे लोगों को तो असुविधा होती ही थी, साथ ही निगम का कार्य भी प्रभावित होता था। इस समस्या से निजात पाने के लिए सभी गाड़ियों में यह सेंसर लगवाने के निर्णय लिया गया है।
इसमें एक चिप पेट्रोल टैंक के अंदर लगाया गया है। इसका एक भाग (रिंग) टैंक के ऊपर लगाया गया है जिससे टैंक में कितना पेट्रोल डाला गया और कितने किलोमीटर में यह खर्च हुआ, इसका पूरा डाटा निगम के कंप्यूटर पर होगा। ऐसे में पेट्रोल-डीजल की चोरी से बचा जा सकेगा, साथ ही कर्मचारियों की कार्य क्षमता में भी वृद्धि होगी। अभी तक कर्मचारी सिटको के पेट्रोल पंप से पेट्रोल-डीजल लेकर इसकी पर्ची बनवा लेते थे। वह पर्ची अपने विभाग में जमा करते थे। उसके बाद सिटको को भुगतान होता था। इसमें घालमेल की काफी आशंका रहती थी। हालांकि अब निगम के पेट्रोल पंप होने से वहीं निगम की गाड़ियों में पेट्रोल-डीजल डलवाया जाता है।