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यहां बनेगा डकैतों का #Museum, सब लोग जान सकेंगे डाकुओं के खात्मे की कहानी
भिंड। आप में से कई लोगों ने किस्से-कहानियों या फिल्मों में ही डाकुओं के बारे में देखा या सुना होगा। बहुत से लोगों के मन में ये सवाल आता ही होगा कि चंबल में डकैतों का खात्मा किस तरह हुआ। अगर आपके मन में भी इस तरह की आशंका है तो आपके लिए अच्छी खबर है। अब डाकुओं उनके इतिहास और किस तरह से चंबल (Chambal) से डाकुओं के साम्राज्य को खत्म किया गया इसकी जानकारी आम लोग पा सकेंगे। भिंड पुलिस एक म्यूजियम (Museum) बनाने जा रही है जिसमें डाकुओं के खात्मे की पूरी कहानी जनता को बताई जाएगी।
भिंड (Bhind) के मेहगांव थाने की पुरानी इमारत में बनने जा रहे इस म्यूजियम में एनकाउंटर के बाद डाकुओं से जब्त किए गए हथियार और समर्पण के दौरान सौंपे गए हथियारों को भी रखा जाएगा। भिंड एसपी मनोज सिंह ने बताया कि ‘भिंड पुलिस यहां से गन वायलेंस को दूर करने की कोशिश कर रही है। भिंड में जो सबसे बड़ी समस्या है वह गन वायलेंस की है। पहले जो डकैत थे उन्होंने काफी हिंसा फैलाई थी और बाद में उनके एनकाउंटर (Encounter) हुए थे। इन सब के कारण भिंड को बैड लैंड के नाम से जाना जाता है। यहां कई सारे बागी और डकैत हुए हैं, जिनका बाद में एनकाउंटर किया गया है या सरेंडर करवाया गया है।
शासन ने तमाम नियम भी बनाए हैं। हमारे सीएम की भी यही योजना है कि सभी लोग समाज की मुख्यधारा से जुड़े। इसी दृष्टिकोण से भिंड पुलिस ने डकैतों से संबंधित सामग्री जमा की है और मेहगांव थाने की पुरानी बिल्डिंग में जन सहयोग से एक म्यूजियम बनाया जा रहा है, जिसमें जितने भी पुराने डकैत हैं, सरेंडर कर चुके डकैत हैं या जो बड़े-बड़े एनकाउंटर और बड़ी घटनाएं हुई है उनके फोटोग्राफ और जीवंत चीजें लगाई जाएंगी ताकि लोगों को जानकारी मिले और लोग अपराध से मुंह मोड़ें।’ दरअसल, चंबल का ये इलाका बागियों के लिए जाना जाता है। 90 के दशक में डकैतों की समस्या चरम पर थी। इस दौरान कई एनकाउंटर हुए तो कई सरगनाओं ने सरेंडर भी किया था जिनमे फूलन देवी जैसा बड़ा नाम भी था।