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NSA अजीत डोभाल के प्रयासों को बड़ी सफलता; म्यांमार ने India को सौंपे 22 पूर्वोत्तर विद्रोही
Last Updated on May 15, 2020 by
नई दिल्ली। निर्दोष लोगों को निशाना बनाने वाले कट्टरपंथी उग्रवादियों ने भारत के सामने घुटने टेक दिये हैं। दरअसल म्यांमार की सेना (Myanmar Army) ने शुक्रवार दोपहर नॉर्थ-ईस्ट (northeast) के 22 उग्रवादियों (Insurgents) के एक समूह को भारत सरकार (Govt Of India) को सौंप दिया। भारत की इस बड़ी सफलता के पीछे पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) की मेहनत और कुशल कूटनीति का योगदान है। इन उग्रवादियों को म्यांमार की सेना ने मुठभेड़ के दौरान पकड़ा था।
इन उग्रवादियों को मणिपुर और असम की पुलिस को सौंपा जाएगा
बता दें कि भारत में वारदात को अंजाम देने के बाद ये खूंखार उग्रवादी सीमा पार कर म्यांमार में घुस जाते थे। मणिपुर (Manipur) और असम (Assam) में वॉन्टेड इन उग्रवादियों को एक विशेष विमान से वापस लाया जाए। इन गतिविधियों ने परिचित सूत्रों ने यह जानकारी दी। इन उग्रवादियों को मणिपुर और असम की पुलिस को सौंपा जाएगा। जहां इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एक विमान के म्यांमार (Myanmar) से उड़ान भरने के तुरंत बाद ही एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘म्यांमार सरकार के लिए यह एक बड़ा कदम है और दोनों देशों के बीच गहराते संबंधों को दिखाता है।’
पहली बार म्यांमार सरकार ने उग्रवादी समूहों के नेताओं को सौंपने का अनुरोध स्वीकारा
बता दें कि अजीत डोभाल के नेतृत्व में भारत और म्यांमार के बीच सैन्य संबंध पहले से अधिक गहरे हुए हैं। 2018 में भारतीय सेना ने म्यांमार सेना की सहयोग से पूर्वोत्तर में एक सर्जिकल स्ट्राइक को भी अंजाम दे चुकी है। इसमें बड़ी संख्या में उग्रवादी मारे गए थे। ये सभी उग्रवादी भारत द्वारा बनाए जा रहे एक महत्वकांक्षी सड़क निर्माण प्रक्रिया में बार-बार बाधा डाल रहे थे। एक वरिष्ठ राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के नेतृत्व में संचालित इस ऑपरेशन के बारे में बताया, ‘यह पहली बार है कि म्यांमार सरकार ने पूर्वोत्तर उग्रवादी समूहों के नेताओं को सौंपने के भारत के अनुरोध को माना है।’