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भगवान श्री जगन्नाथ के जयघोषों से गूंजी नाहन नगरी, निकली 16वीं रथयात्रा
Shri Jagannath Yatra : नाहन। ऐतिहासिक शहर नाहन (Nahan) में रविवार को भगवान श्री जगन्नाथ की 16वीं रथयात्रा धूमधाम से निकाली गई। हर तरफ हरे रामा, हरे कृष्णा.. कृष्णा-कृष्णा हरे हरे और जय श्री जगन्नाथ से जयघोषों से शहर की वादियां भक्तिमय हो उठीं। बैंड-बाजे, सिरमौरी लोक वाद्ययंत्र और डीजे की मधुर धुनों पर थिरकते हुए श्रद्धालु भक्तिरस में चूर दिखे। इस दौरान हर कोई भगवान श्री जगन्नाथ के रथ का रस्सा खींचने को बेताब रहा। आपको बता दें, इस बार श्री जगन्नाथ पुरी (Jagannath Puri) में भी रथ यात्रा 7 जुलाई को ही निकली जा रही हैं।
राजीव बिंदल भी हुए शामिल
इससे पहले सुबह आरती के बाद बड़ा चौक स्थित भगवान श्री जगन्नाथ मंदिर (Lord Shri Jagannath Temple) से पालकी यात्रा शुरू हुई, जो दिल्ली गेट (Delhi Gate), चौगान, महिमा लाइब्रेरी होते हुए कालीस्थान मंदिर पहुंची. यहां से पालकी यात्रा ऐतिहासिक चौगान मैदान (Historic Chaugan Maidan) पहुंची, जहां पालकी पर सवार भगवान श्री जगन्नाथ, माता सुभद्रा और बलभद्र को एक-एक पर रथ पर आरूढ़ किया गया। इस भव्य मिलन देख लोग भावविभोर हो उठे। यहां छप्पन भोग और आरती के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डा. राजीव बिंदल (BJP State President Dr. Rajeev Bindal) ने रथयात्रा का विधिवत शुभारंभ किया।
दिल्ली गेट से यात्रा नए बाजार की ओर रवाना हुई, जहां भगवान श्री जगन्नाथ जी नाहन शहर के कालीस्तान मंदिर (Kalistan Temple) पहुंचे। कालीस्तान मंदिर से पालकियां नाहन के ऐतिहासिक चौगान मैदान (Historic Chaugan Maidan) में पहुंची, जहां भगवान के वस्त्र बदले गए। इसके बाद भगवान जी को पालकियों से उतारकर रथ में विराजमान किया गया।
यात्रा का मार्ग और स्वागत
श्री जगन्नाथ रथ यात्रा मंडल समिति (Jagannath Rath Yatra Mandal Committee) के अध्यक्ष प्रकाश बंसल ने बताया कि यात्रा चौगान मैदान से माल रोड, गुन्नूघाट होते हुए रानी ताल, कच्चा टैंक और शीतला माता मंदिर तक पहुंचेगी। यात्रा के दौरान सुसज्जित रथ में विराजमान भगवान श्री जगन्नाथ के दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं ने नंगे पांव रथ का रस्सा खींच कर पुण्य कमाया। नाहन शहर की सड़कों पर लोग भारी संख्या में जुटे। जगह-जगह प्रसाद, शर्बत, कुल्फी समेत अन्य शीतल पेय के स्टॉल भी लगाए गए।
इस एतिहासिक पल को लोगों ने अपने कैमरों में भी कैद किया।
आपको बता दें, यह रथ यात्रा हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखती है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर विशाल रथ यात्रा निकाली जाती है, फिर आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की 10वीं तिथि पर इसका समापन होता है।