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सेंसर बोर्ड की कैंची के बाद दिलजीत दोसांझ की इस फिल्म का बदला नाम
नई दिल्ली। दिलजीत दोसांझ (Diljit Dosanjh) और अर्जुन रामपाल (Arjun Rampal) ने विवादों के बाद मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालरा (Jaswant Singh Khalra) की जिंदगी पर बनी फिल्म का नाम ‘घल्लूघारा’ से बदलकर ‘पंजाब 95’ कर दिया है। दोसांझ की फिल्म में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) काफी कांट-छांट की थी। मामला हाईकोर्ट पहुंचा है। सेंसर बोर्ड ने टाइटल बदलने को भी कहा था।
फिल्म के प्रोड्यूसर रोनी स्क्रूवाला ने सेंसर बोर्ड के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) में अपील दायर की है। उनका कहना है कि जब बोर्ड ने फिल्म को A सर्टिफिकेट दिया है तो फिर 21 कट्स का क्या मतलब है। यह फिल्म ‘टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल‘ (TIFF) में दिखाई जाएगी। सितंबर महीने में ‘Punjab 95′ फिल्म का TIFF में प्रीमियर होगा। यह फिल्म TIFF में 11 सितंबर को दिखाई जाएगी।’ मेकर्स इसके साथ ही देश में भी फिल्म को रिलीज करने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं।
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‘पंजाब 95’ की कहानी
जसवंत सिंह खालरा पंजाब के अमृतसर (Amritsar) में एक बैंक के डायरेक्टर थे। वह एक मानवाधिकार कार्यकर्ता भी थे। यह उन दिनों की बात है जब पंजाब में उग्रवाद चरम पर था। जसवंत सिंह खालरा ने उन दिनों हजारों अज्ञात लोगों के अपहरण, हत्या और दाह संस्कार के सबूतों की खोज की थी। खालरा की जांच के कारण ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अपनी जांच में पाया था कि पंजाब पुलिस ने तरनतारन जिले में 2097 लोगों का अवैध रूप से अंतिम संस्कार किया था। इस आंकड़े को सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी माना था।