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हिमाचल अभी अभी। हिमाचल ( Himachal ) के सभी शक्तिपीठों पर आज सुबह की आरती के साथ शारदीय नवरात्र( Shardiya Navratra)का शुभारंभ हो गया। पहले नवरात्र के अवसर पर सभी शक्तिपीठों में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचे। सुबह जैसे ही शक्तिपीठों के कपाट खुले भक्त बड़ी संख्या में मां के दर्शनों के लिए कतारों में जुटे। आज प्रथम नवरात्र पर जहां पर माता शैलपुत्री की पूजा की जा रही है वहीं पर काफी संख्या में श्रद्धालु( Devotee) सुबह-सुबह मां के दरबार में नवरात्र पूजन के लिए पहुंच रहे हैं। मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया गया है। भक्तों को कोविड नियमों का पालन करते हुए मंदिर के अंदर भेजा जा रहा है। सैनिटाइजेशन की व्यवस्था भी की गई है। हालांकि मंदिर खोलने से पहले भी पूरी तरह से सैनिटाइज किए गए थे।
सात महीने के बाद प्रदेश के शक्तिपीठों में चहल-पहल व रौनक दिखाई दी। नैना देवी में सहित प्रदेश के सभी शक्तिपीठों में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, बिहार, और अन्य प्रदेशों से भक्त मां के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। हालांकि कोविड-19 महामारी के चलते हिमाचल प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशों से मंदिर में हवन यज्ञ करने, गर्भ गृह में जाने और लंगर लगाने पर मनाही है। श्रद्धालुओं का यह भी मानना है कि मां की कृपा से ही कोविड-19 महामारी का नाश हो सकेगा मंदिर के पुजारी दीपक भूषण का कहना है कि शारदीय नवरात्रों में मां के पूजन का विशेष महत्व रहता है। जो भक्त नवरात्र मां की पूजा अर्चना करते हैं। मां उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। जो श्रद्धालु माता जी के दर्शन के लिए आते हैं। उनके लिए जगह-जगह sanitization की व्यवस्था की गई है। नयनादेवी में दिन-रात 22 घंटे और चिंतपूर्णी में 18 घंटों तक मंदिरों के कपाट खुले रहेंगे
शक्तिपीठ ज्वालामुखी में नवरात्र के पहले दिन सुबह से भक्तों की लंबी कतार दर्शनों के लिए पंजीकरण के लिए लग गई। विधिवत पूजा अर्चना आरती के बाद मां ज्वालामुखी के कपाट सुबह 6 बजे दर्शनों के लिए खोल दिए गए। ज्वालामुखी मंदिर प्रशासन और पुलिस ने व्यवस्था के लिए पूरी तरह कमर कसी हुई है। थाना प्रभारी ज्वालामुखी मनोहरलाल चौधरी ने श्रद्धालुओं को लाइन में लगाने व मास्क लगाने के लिए खुद कमान संभाली। वहीं, पंजीकरण के लिए प्रशासन द्वारा तय स्थान पर भारी सुरक्षा बल भी तैनात दिखा।
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