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G20: 300 बैठकों और 200 घंटे की चर्चा के बाद बनी यूक्रेन पर सहमति
नई दिल्ली। भारत में जी20 सम्मेलन के पहले ही दिन साझा घोषणा पत्र (G20 Declaration) पर सहमति बन जाना एक बड़ी उपलब्धि रही। लेकिन इसके लिए भारत के राजनयिकों और जी20 शेरपा अमिताभ कांत को 300 द्विपक्षीय बैठकों (Bilateral Meetings) और 200 घंटे का समय घोषणा पत्र के सबसे पेचीदा मुद्दे, यानी यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War ) पर सहमति बनाने में लगानी पड़ी।
यह बात अमिताभ कांत ने खुद यहां रविवार को बताई। उन्होंने बताया कि ‘जी20 लीडर्स समिट’ के पहले दिन ही सर्वसम्मति बनाने के लिए विवादास्पद यूक्रेन संघर्ष पर अपने समकक्षों को 15 मसौदे वितरित किए। अमिताभ कांत ने कहा, ”पूरे जी20 शिखर सम्मेलन का सबसे जटिल हिस्सा भूराजनीतिक पैराग्राफ (रूस-यूक्रेन) पर आम सहमति बनाना था। यह 200 घंटे से अधिक समय तक लगातार बातचीत, 300 द्विपक्षीय बैठकों, 15 मसौदों के साथ किया गया।”
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इन देशों का मिला साथ
उन्होंने कहा कि अभूतपूर्व आम सहमति बनाने में ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया ने अग्रणी भूमिका निभाई। ‘जी20 लीडर्स डिक्लेरेशन’ (G20 Leaders Declaration) में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का उल्लेख करने से बचा गया और इसके बजाय सभी देशों से एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुत्ता के सिद्धांतों का सम्मान करने का आह्वान किया गया। घोषणापत्र में कहा गया है, ”हम सभी देशों से क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून एवं शांति तथा स्थिरता की रक्षा करने वाली बहुपक्षीय प्रणाली सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने का आह्वान करते हैं।”