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नेपाल-भारत नक्शा विवाद: India के पक्ष में बोलने वाली नेपाली सांसद पार्टी से निष्कासित
काठमांडू। भारत और नेपाल (India-Nepal) के बीच चले नक्शा विवाद पर भारत के पक्ष में बोलने वाली सांसद सरिता गिरी (Sarita Giri) को को सच बोलने की सजा मिली है। नेपाल (Nepal) में भारतीय इलाकों को शामिल करने वाले नक्शे का विरोध करने वाली एकमात्र सांसद सरिता गिरी को समाजबादी पार्टी (SP) ने पद से निष्कासित कर दिया है। इस निष्कासन उनकी संसद सदस्यता भी चली गई है। इसके साथ ही पार्टी ने उन्हें पार्टी के जनरल सदस्य के पद से भी हटा दिया है। पार्टी के नेता मोहम्मद इश्तियाक राय ने यह जानकारी दी है। नक्शा विवाद पर सरिता गिरी शुरुआत से ही नेपाल सरकार का खुलकर विरोध करती रही हैं।
पार्टी ने ही सांसद को पद से हटाने की सिफारिश की थी
सरिता ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए संसद में नक्शे को पारित करने के प्रस्ताव का विरोध किया था। हाल ही में सरिता गिरी ने खुलेआम संविधान संशोधन का भी विरोध किया था। सरकार द्वारा नए नक्शे को संविधान का हिस्सा बनाने के लिए लाए गए संविधान संशोधन प्रस्ताव पर अपना अलग से संशोधन प्रस्ताव डालते हुए जनता समाजवादी पार्टी की सांसद सरिता गिरि ने इसे खारिज करने की मांग की थी। हालांकि पार्टी के मुख्य सचेतक उमा शंकर अरगरिया ने गिरि को संशोधन प्रस्ताव वापस लेने का निर्देश दिया, लेकिन उन्होंने इसका अनुपालन नहीं किया। जिसके बाद समाजबादी पार्टी ने सांसद सरिता गिरी को पद से हटाने की सिफारिश की थी। पार्टी महासचिव राम सहाय प्रसाद यादव के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स ने मंगलवार को सिफारिश की कि गिरि को संसदीय सीट और पार्टी की सामान्य सदस्यता से हटा दिया जाए।
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नेपाल की सड़कों पर चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
नेपाल की घरेलू राजनीति में चीन के बढ़ते दखल का विरोध शुरू हो गया है। ड्रैगन के इशारे पर सरकार चला रहे प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पर इस्तीफे का दबाव बढ़ा तो चीन ने परेशान हो उठा है। नेपाल में चीन की राजदूत हाउ यांकी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं को एकजुट करने में जुटी हैं। एक संप्रभु देश के घरेलू मामलों में इस तरह की दखल को लेकर अब विरोध शुरू हो गया है। मंगलवार को नेपाल विद्यार्थी संघ के सदस्यों ने हाथों में पोस्टर लेकर विरोध किया। स्थानीय मीडिया हाउस कांतिपुर ने जो तस्वीरें जारी की हैं उनमें दिख रहे पोस्टरों पर गो बैक चाइना और नो इन्टर्फिरन्स जैसे नारे लिखे गए थे। नेपाल की मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस के स्टूडेंट विंग के सदस्यों ने कहा, ‘चीन की राजदूत को दूतावास में रहना चाहिए, हमारे नेताओं के घरों में नहीं। यांकी चुप रहें।’