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नेपाली मेयर ने Uttarakhand के इस हिस्से को बताया अपना; कहा- बॉर्डर से सटा इलाका हमारा
पिथौरागढ़/काठमांडू। भारत-नेपाल (India-Nepal) के बीच जारी नक्शा विवाद के मध्य नेपाल ने एक बार फिर भारत विरोधी नई चाल को हवा देते हुए अब उत्तराखंड (Uttarakhand) से सटे एक नए इलाके पर अपना दावा ठोका है। नेपाल के कंचनपुर जिले के भीमदत्त नगर पालिका के मेयर सुरेंद्र बिष्ट उत्तराखंड के के चंपावत (Champawat) जिले के बॉर्डर से सटे इलाके को नेपाल का हिस्सा बताया है। उनका कहना है कि हमारी नगर पालिका के अंतर्गत उत्तराखंड के कुमाऊं इलाके के तहत आने वाले चंपावत जिले के जंगलों के कुछ हिस्सा आता है। बक़ौल बिष्ट, बरसों से चंपावत जिला नेपाल का हिस्सा रहा है। क्योंकि उसके जंगलों के लिए बनाई गई कम्युनिटी फॉरेस्ट कमेटी (सामुदायिक वन समिति) उनके नगर पालिका क्षेत्र में आती है।
नो मैंस लैंड में बाड़ लगाने का कर दिया दावा
बतौर रिपोर्ट्स, ‘नेपाल के भीमदत्त नगरपालिका के मेयर सुरेंद्र बिष्ट ने आरोप लगाया कि जो क्षेत्र नेपाल में ब्रह्मदेव क्षेत्र से जुड़ता है, वह वर्षों से हमारी नगर पालिका की सामुदायिक वन समिति (वैन समिति) द्वारा प्रशासित है। उन्होंने कहा कि नगर पालिका ने वर्षों पहले क्षेत्र में लकड़ी की बाड़ लगाई थी जिसे पुरानी होने के बाद हाल ही में बदल दिया गया है।’ सूत्रों के मुताबिक लकड़ी के इन बाड़ों को लगाने के लिए करीब 45 लाख रुपए खर्च किए गए थे।
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जब मेयर सुरेद्र बिष्ट से पूछा गया कि आप कैसे ये दावा कर सकते हैं तो उन्होंने कहा कि जिस हिस्से में बाड़ लगाई गई थी, वह नो मैंस लैंड (No Man’s Land) है। इस पर बिष्ट ने कहा कि इससे तस्वीर एकदम साफ है। हम नहीं चाहते कि सीमा को लेकर कोई विवाद हो क्योंकि सीमाई विवाद किसी के लिए भी अच्छा नहीं होता। लेकिन हम ये चाहते हैं कि ये मामला जल्द से जल्द निपटा लिया जाए। मेयर की तरफ से इस क्षेत्र में लगाए गए पौधों पर भी अपना हक जताया गया है। मेयर का कहना है कि इस क्षेत्र में नेपाल के द्वारा पौधे भी लगाए गए हैं।
UN को नया नक्शा भेज रहा थे नेपाल; लगा करारा झटका
भारत के साथ सीमा विवाद मुद्दे पर बातचीत करने का राग अलाप रहा नेपाल अपने विवादित नक्शे को विश्व बिरादरी में भेजने की तैयारी कर रहा है। नेपाल के भूमि प्रबंधन मंत्रालय के अनुसार, देश के नए नक्शे को अंग्रेजी में प्रकाशित करने के बाद इसे संयुक्त राष्ट्र और गूगल को भेजा जाएगा। इस बीच खबर सामने आई है कि संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations) ने नेपाल के विवादित नक्शे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। यूनाइटेड स्टेट्स के मुताबिक, आधिकारिक कामकाज के लिए संस्था ना तो नेपाल के नए विवादित नक्शे को स्वीकार करेगी और ना ही इसे मान्यता देगी।