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धरना-प्रदर्शनों का हिमाचल में बना रिकार्ड क्या हैं कारण,क्या होगा असर,देखें-समझें
हिमाचल प्रदेश में इन दिनों धरने- प्रदर्शनों का मौसम है। जो भी देखो धरने पर बैठ रहा है। हाल ये है कि इतने प्रदर्शन चार साल में नहीं हुए, जितने सरकार के बीते तीन महीने के कार्यकाल में हो गए। कुल मिलाकर कहें तो जयराम सरकार का ये चुनावी वर्ष धरने वाला रहेगा, जिसकी शुरूआत हो चुकी है। धरना देने के बाद रेवड़ियां किस-किस के हिस्से आती है ये देखना बाकी है। सच तो यह है कि धरने प्रदर्शन जयराम सरकार के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं। प्रदेश में जितने भी कर्मचारी हैं संगठन हैं वे एक एक करके अपनी मांगे मनवाने के लिए प्रदर्शन पर जोर दे रहे हैं। ऐसा नहीं है कि उनकी मांगें नहीं मानी जा रही एक दो को छोड़ कर जैसे ही एक संगठन के सामने सरकार झुकती है , दूसरा अपनी मांगों को लेकर खड़ा हो जाता है। हां करूणामूलक पिछले कई महीनों से बर्फबारी के बीच अनशन पर डटे हुए हैं।