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हिमाचल में टीबी के 13 हजार मरीज, इस जिला में सबसे ज्यादा क्षय रोगियों की संख्या
Tuberculosis in Himachal: केंद्र सरकार ने 2025 तक टीबी उन्मूलन (Tuberculosis eradication)का लक्ष्य रखा है। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन(National Health Mission) द्वारा शिमला में टीबी रोग को लेकर मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यशाला( Workshop) का आयोजन किया गया।हालांकि हिमाचल में टीबी के मरीजों (TB patients)की संख्या 13 हजार है, कांगड़ा जिले में मौजूदा समय में क्षय रोगियों की संख्या सबसे ज्यादा है। ऐसे में जागरूकता ओर समय पर इलाज से बीमारी को खत्म करने के प्रयास जारी है।कार्यशाला में टीबी रोग फैलने के कारण,बचाव व रोगियों की पहचान पर अलग अलग वक्ताओं ने अपने विचार रखें।
मिशन निदेशक प्रियंका वर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अन्य राज्यों के मुकाबले टीबी रोग उन्मूलन में हिमाचल कि स्थिति बेहतर है। हिमाचल में टीबी का टेस्टिंग रेट (Testing rate) अन्य राज्यों से चार गुणा ज्यादा है। प्रदेश में टीबी के 13 हजार रोगी हैं। टीबी को खत्म करने के लिए इसकी शुरुआती दौर में पकड़ जरूरी हैं। छह महीने तक दवाई का कोर्स करने के बाद टीबी से मुक्ति मिल जाती है। उन्होंने कहा कि कैसे लोगों की थी जांच की जा रही है जो कफ सिरप (Cough Syrup)को ज्यादा खरीदते हैं। रोगियों की पहचान करने के बाद छह माह तक की मुफ्त दवाई के साथ आर्थिक मदद भी सरकार द्वारा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि 2025 तक टीबी के उन्मूलन के लक्ष्य को लेकर हिमाचल आगे बढ़ रहा है।