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बिजली महादेव के बाहर से होंगे दर्शन, 6 माह तक धार्मिक कार्यक्रम और खीर-भंडारे पर प्रतिबंध
Himachal News: कुल्लू जिला की खराहल घाटी के भगवान बिजली महादेव में लाखों लोगों की आस्था है। भगवान के दर्शन के लिए हर साल लाखों की संख्या में सैलानी पहुंचते हैं। सावन माह में तो यहां भक्तों का तांता लगा रहता है। श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का भी आयोजन किया जाता है। लेकिन इस बार देव आदेश के चलते भक्तों को भी मंदिर के बाहर से ही बिजली महादेव के दर्शन करने होंगे। इतना ही नहीं, यहां पर ना तो छह माह तक किसी तरह का धार्मिक आयोजन किया जाएगा और ना ही किसी श्रद्धालु को यहां पर ठहरने की इजाजत दी जा रही है। बताया जा रहा है कि बिजली महादेव रोपवे निर्माण प्रक्रिया से नाराज भगवान बिजली महादेव ने इस बार जहां भंडारे के आयोजन पर रोक लगाई है।
बिजली महादेव ने दिया आदेश
बिजली महादेव मंदिर में हर साल सावन के महीने में विशेष रूप से भंडारे का आयोजन होता है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और भोले के दर्शन कर अपनी मनोकामना पूरी होने की मन्नत मांगते हैं, लेकिन इस साल देवता ने यहां श्रद्धालुओं के रुकने और भंडारे करवाने को लेकर पाबंदी लगाई है। ऐसे में बिजली महादेव ने आदेश दिया है कि बिजली महादेव मंदिर में छह माह तक कोई भी आयोजन नहीं किया जाएगा। वहीं, मंदिर परिसर के आसपास कुछ नई दरारें देखी गई हैं। ऐसे में अब घाटी के लोगों को भी डर सताने लगा है कि कहीं कोई बड़ी आपदा तो नहीं आने वाली है। पिछले कई सालों से बिजली महादेव रोपवे को लेकर विवाद चल रहा है।
25 जुलाई को रोपवे के विरोध में प्रदर्शन
वहीं, भगवान बिजली महादेव ने गुर देवता के माध्यम से कहा है कि बिजली महादेव में रोपवे नहीं बनना चाहिए, लेकिन कुछ नेता अपनी जिद के कारण बिजली महादेव में रोपवे बनाने में लगे हुए हैं। इतना ही नहीं, इसके दायरे में आने वाले पेड़ों का भी कटान कर दिया गया है। इनकी लकड़ी अभी वहीं पर है, जिसे ले जाने के लिए स्थानीय लोगों ने मनाही कर दी है। अब लोगों ने फिर से महादेव परिसर में रोपवे का विरोध जताया है और 25 जुलाई को इसके लिए एक विशाल प्रदर्शन रखा गया है।
तुलसी बाबा
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