-
Advertisement
Covid-19 Effect: क्रिकेट में बॉल टैंपरिंग को मिल सकती है इजाजत, ICC ने शुरू की तैयारी!
नई दिल्ली। दुनिया भर में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना के प्रसार पर लगाम लगाने के लिए एहतियाती तौर कई सारी चीजों में बदलवा किया जा रहा है। वहीं अब बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस के खतरे के कारण ऐसा ही कुछ बदलाव क्रिकेट (Cricket) के नियमों में भी होने वाला है। दरअसल एक रिपोर्ट्स के हवाले से इस बात का दावा किया जा रहा है कि प्रशासक अंपायरों की निगरानी में गेंद को चमकाने के लिए आर्टिफिशल पदार्थ के इस्तेमाल की इजाजत देने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें: BJP का बड़ा आरोप- बंगाल में कोरोना से हुई मौतें छुपाने के लिए अंधेरे में शव ठिकाने लगाए जा रहे, देखें वीडियो
गौरतलब है कि इस खेल में बॉल को चमकाने के लिए खिलाड़ी अपनी लार या थूक का इस्तेमाल करते हैं और क्रिकेट के खेल में यह एक आम चलन रहा है, लेकिन मौजूदा समय में जो महामारी फैली है उसके कारण क्रिकेटरों को आर्टिफिशल पदार्थ से बॉल टैंपरिंग (Ball tampering) करने की इजाजत दी जाएगी। बता दें कि गेंद में थूक लगाकर चमकाने से बॉल में स्विंग मिलती है। वहीं कोरोना का प्रभाव ख़त्म होने के बाद खेल आयोजनों में बॉलरों के सामने अब समस्या यह है कि इसके बिना गेंद स्विंग कराने का काम उनके लिए अब मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में माना जा रहा है कि क्रिकेट में गेंदबाजों को बॉल टैंपरिंग करने की इजाजत दी जा सकती है।
वहीं अगर क्रिकेट के लंबे फॉर्मेट में इस ऑप्शन को मंजूरी मिल जाती है तो यह बड़ी अजीब बात होगी क्योंकि गेंद पर रेगमाल रगड़ने की कोशिश में ही स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर को 2018 में एक साल का प्रतिबंध झेलना पड़ा था और क्रिकेट जगत में उन्हें विलेन की तरह पेश किया गया। आईसीसी मुख्य कार्यकारियों की गुरुवार को हुई ऑनलाइन बैठक के बाद इसकी मेडिकल कमिटी के प्रमुख पीटर हारकोर्ड ने अपडेट जारी किया। इसमें कहा गया, ‘हमारा अगला कदम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की बहाली का रोडमैप तैयार करना है। इसमें ये देखना होगा कि क्या-क्या कदम उठाने होंगे।’ उन्होंने कहा, ‘इसमें खिलाड़ियों की तैयारी से लेकर सरकार की पाबंदिया और दिशा निर्देश शामिल होंगे।’ भारत के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने गेंद पर थूक का इस्तेमाल नहीं करने के प्रस्ताव का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था, ‘खेल बहाल होने पर कुछ समय के लिए सिर्फ पसीने का ही इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि खिलाड़ियों की सुरक्षा सबसे ऊपर है।’