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Breaking : डिप्टी डायरेक्टर एलीमेंट्री एजुकेशन ऑफिस सील, कोर्ट के फैसले पर हुआ एक्शन
शिमला। राजधानी शिमला के चौड़ा मैदान स्थित डिप्टी डायरेक्टर एलीमेंट्री एजुकेशन का ऑफिस (Office of the Deputy Director Elementary Education) को सील कर दिया है। यह कार्रवाई आज सुबह रेलवे बोर्ड (Railway Board) की ओर से हुई है। रेलवे प्रबंधन ने शिमला के चक्कर स्थित सीबीआई कोर्ट (CBI Court) के फैसले के बाद केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग यह कार्रवाई की गई है। जिसके बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। ऑफिस सील होने के बाद शिक्षा विभाग के कर्मचारी(Education Department employees) सड़कों पर आ गए हैं। सीपीडब्ल्यूडी की टीम सुबह पुलिस बल के साथ कार्यालय पहुंची और दफ़्तर से कार्मचारियों को बाहर निकलने के लिए कहा और दफ़्तर को सील कर दिया ।
ये है पूरा मामला
दर असल पांच दशक से भी ज्यादा समय से डिप्टी डायरेक्टर एलीमेंट्री एजुकेशन का दफ्तर चौड़ा मैदान में रेलवे बोर्ड की बिल्डिंग (Railway Board Building) में चल रहा था। कोर्ट में वर्ष 2014 से रेलवे बोर्ड (Railway Board) और शिक्षा विभाग के बीच बिल्डिंग पर कब्जे को लेकर लड़ाई चल रही थी। इसी बीच शिक्षा विभाग कब्जे को लेकर कोर्ट में दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाया और कोर्ट ने रेलवे बोर्ड के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट की जजमेंट के बाद रेलवे प्रबंधन ने डिप्टी डायेरक्टर दफ्तर (Office of the Deputy Director) पर कब्जा कर लिया है। इसके बाद शिक्षा विभाग के कर्मचारी सड़कों पर आ गए है।
सारे दस्तावेज भी कार्यालय के अंदर
ज़िला शिमला प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक मोहिंदर सिंह का कहना है कि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने कोर्ट के आदेशों का हवाला देकर दफ़्तर सील कर दिया है। दफ़्तर में लगभग 40 का आसपास कर्मचारी कार्यरत हैं और 1970 से पहले से इस भवन में शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय चल रहा था जिसका डॉक्यूमेंट्री प्रूफ विभाग के पास नहीं है और 2014 से मामला कोर्ट में चल रहा था जिसको लेकर 2023 में दफ़्तर को खाली करने के आदेश हुए थे लेकिन शिक्षा विभाग ने स्टे की याचिका कोर्ट में दायर की गई थी जिसे 28 मई को जिला अदालत ने खारिज कर दिया है।अपेक्स कोर्ट में एक महीने का समय अपील के लिए मिलता है लेकिन केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग ने अचानक से ही कार्यालय को सील कर दिया है जिससे आज कर्मचारी दफ़्तर छोड़ सड़क पर आ गए हैं और सारे दस्तावेज भी कार्यालय के अंदर ही है। फिलहाल मामले को लेकर शिक्षा विभाग कानूनी सलाह ले रहा है।