-
Advertisement
पर्यावरण संरक्षण सरकार का कर्तव्य, EIA का मसौदा वापस लिया जाए: सोनिया
नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए)-2020 की अधिसूचना के मसौदे को लेकर गुरुवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ बड़ा हमला बोला। सोनिया ने केंद्र सरकार (Central Govt) पर पर्यावरण संरक्षण से जुड़े नियमों को छिन्न-भिन्न करने का आरोप लगाया और कहा कि इस मसौदे को वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यावण की रक्षा करना सरकार का एक सामाजिक कर्तव्य भी है और उसे इसका निर्वहन करना चाहिए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सोनिया का लेख साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘प्रकृति की रक्षा की जाती तो प्रकृति भी रक्षा करती है। भारत सरकार को पर्यावरण संबंधी नियमों को तार-तार करना बंद करना चाहिए। पहला जरूरी कदम यह है कि इस अधिसूचना का मसौदा वापस लिया जाए।’
सरकार ने पर्यावरण संरक्षण की रूपरेखा पर जानबूझकर अतिक्रमण किया
'Nature protects, if she is protected.'
GOI must stop dismantling India's environmental regulations. Essential first step is to withdraw the Draft EIA 2020 Notification.https://t.co/8LVBFd99q1
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 13, 2020
इस लेख में सोनिया गांधी ने कहा कि पर्यावण की रक्षा करना सरकार का एक सामाजिक कर्तव्य भी है और उसे इसका निर्वहन करना चाहिए। सोनिया ने कहा, पर्यारण का सरंक्षण और लोक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना साथ-साथ होना चाहिए और सभी के लिए सम्मानजनक जीविका की उपलब्धता होनी चाहिए।’ कांग्रेस अध्यक्ष के अनुसार अनियंत्रित आर्थिक विकास की कल्पना के पीछे भागने से हमारे देश को पर्यावरण और लोगों के अधिकारों दोनों का त्याग अक्सर करना पड़ा है। तरक्की के लिए व्यापारिक गतिविधियों की जरूरत होती है, लेकिन कुछ सीमाएं होनी चाहिए जिन्हें लांघा नहीं जा सकता। सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि पिछले छह वर्षों में केंद्र सरकार ने हमारी पर्यावरण संरक्षण की रूपरेखा पर जानबूझकर अतिक्रमण किया है।
यह भी पढ़ें: हाथों में कसक-आंखों में चमक; मुस्कान मास्क में छिपा गए: कुछ इस तरह ‘बागी’ पायलट से मिले CM गहलोत
उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा समय की महामारी से सरकार को अपनी पर्यावरण एवं जन स्वास्थ्य संबंधी शासन व्यवस्था पर पुनर्विचार करने का अहसास हो जाना चाहिए था, लेकिन इसके उलट पर्यावरण मंत्रालय उचित जन परामर्श के बिना लॉकडाउन के दौरान परियोजनाओं की मंजूरी दे रहा है। अपने इस लेख में सोनिया गांधी ने दावा किया कि ईआईए-2020 की अधिसचूना का मसौदा पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करते हुए प्रदूषण फैलाने वालों को क्लीन चिट देता है तथा इससे हमारे पर्यावरण के लिए बड़ी तबाही आएगी। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि यह मसौदा आदिवासियों और वनक्षेत्रों में दूसरे निवासियों के अधिकारों पर सीधा हमला है। गौरतलब है कि पर्यावरण मंत्रालय ने इस साल मार्च में ईआईए (EIA) के मसौदे को लेकर अधिसूचना जारी की थी और इस पर जनता से सुझाव मांगे गए थे। इसके तहत अलग-अलग परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंजूरी देने के मामले आते हैं।