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हमीरपुर के जवान सुशील कुमार का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, बेटे नक्ष ने दी मुखाग्नि
Himachal News: हमीरपुर जिले के देई का नोण पंचायत के पनियाला गांव निवासी भारतीय सेना के जवान नायक सुशील कुमार का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके बेटे नक्ष राणा व मृतक के भाई तिलक कुमार ने सुशील को अंतिम विदाई दी। आज जैसे ही सुशील कुमार की पार्थिव देह उनके घर पहुंची तो हर तरफ मातम पसर गया। पत्नी, दादी तथा बेटे का रो रोकर बुरा हाल हो गया। सुशील कुमार का निधन ड्यूटी के दौरान तबीयत बिगड़ने हुआ था।सुजानपुर के विधायक रंजीत सिंह राणा व प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
हमीरपुर जिले के देई का नोण पंचायत के पनियाला गांव निवासी भारतीय सेना के जवान नायक सुशील कुमार की पार्थिव देह आज उनके पैतृक घर पहुंची। जैसे ही तिरंगे में लिपटी शहीद की पार्थिव देह को गांव में लाया गया ताे हर तरफ मातम पसर गया। #hamirpur #Shahid #army #IndianArmy #corporealbody pic.twitter.com/cSwGQzMNw5
— Himachal Abhi Abhi (@himachal_abhi) October 22, 2025
सीएम व डिप्टी सीएम ने जताया शोक
सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने 13वीं डोगरा रेजिमेंट में फैजाबाद में तैनात 40 वर्षीय नायक सुशील कुमार के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया है। सुशील कुमार जिला हमीरपुर के सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के पन्याला गांव के निवासी थे। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ है और शोक संतप्त परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। डिप्टी सीएम ने कहा कि नायक सुशील कुमार मातृ भूमि की रक्षा के लिए आजीवन समर्पित रहे व देश के लिए उनकी सेवाओं को सदैव याद रखा जाएगा। सीएम व डिप्टी सीएम ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।
ड्यूटी के दौरान आया था चक्कर
प्राप्त जानकारी के अनुसार सुशील कुमार 13वीं रेजिमेंट में बतौर नायक तैनात थे और वर्तमान में फैजाबाद में अपनी सेवाएं दे रहे थे। ड्यूटी के दौरान सुबह उन्हें अचानक चक्कर आया और उनकी तबीयत तेजी से बिगड़ने लगी। उन्हें तत्काल सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां हालत गंभीर होने पर उन्हें कमांडो अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। दुर्भाग्यवश, इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। शहीद सुशील कुमार अपने पीछे पत्नी, एक बेटा और एक बेटी को छोड़ गए हैं। उनके भाई तिलक ने भारी मन से बताया कि 10 साल पहले ही उनकी मां का निधन हो गया था और अब इस दुखद घटना ने उनसे उनका भाई भी छीन लिया है।
शहीद की पार्थिव देह को पहले लखनऊ से चंडीगढ़ तक विमान द्वारा लाया गया। इसके बाद सैन्य वाहन में पूरे सम्मान के साथ उनके गांव पनियाला पहुंचाया गया।
अशोक राणा
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