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इंटरनेट नेटवर्क दिक्कतों पर हिमाचल हाईकोर्ट में सुनवाई, पढ़ें क्या बोलीं कंपनियां
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) में इंटरनेट नेटवर्क उपभोक्ताओं को बेहतर व निर्बाधित इंटरनेट नेटवर्क सेवाएं उपलब्ध न होने के मुद्दे को लेकर दायर मामले में सुनवाई 28 जून के लिए टल गई। बुधवार को मामले पर सुनवाई (Hearing) के दौरान कोई भी नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां (Service Provider Companies) कोर्ट को यह नहीं बता पाईं कि प्रत्येक उपभोक्ता को कम से कम 2 एमबीपीएस की स्पीड से डेटा उपलब्ध करवाने में उन्हें क्या समस्याएं आ रही हैं।
न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान (Judge Tarlok Singh Chauhan) व न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने सभी नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर कम्पनियों को अगली सुनवाई के दौरान इस संबंध में अपनी समस्याओं को कोर्ट के समक्ष रखने के आदेश दिए। अधिवक्ता वंदना मिश्रा द्वारा दायर एक जनहित याचिका में उपभोक्ताओं को बेहतर इंटरनेट सेवाएं न देने व ग्रामीण क्षेत्रों में इन सेवाओ की दुर्दशा का उल्लेख किया गया है। सुनवाई के दौरान कंपनियों की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई बार बिजली जाने से भी नेटवर्क में बाधा उत्पन्न होती है। कई इलाकों में तो बिजली कई कई दिनों तक नहीं आती।
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प्रार्थी की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में हल्की हवा का झोंका भी आ जाए तो बिजली गुल हो जाती है और लंबे समय तक गुल ही रहती है, जबकि शहरों में बिजली एक लाइन से जाए तो तुरंत दूसरी लाइन से उपलब्ध करवा दी जाती है। इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई के दौरान बिजली बोर्ड को भी इस भेदभाव के कारणों को स्पष्ट करने के कहा है। कोर्ट ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी, बिजली बोर्ड बिजली सप्लाई में भेदभाव नहीं कर सकता। उल्लेखनीय है वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर शैक्षिक पाठ्यक्रमों, सम्मेलनों, अदालती कार्यवाही संचालन के लिए पर्याप्त नेटवर्क प्रदान करना समय की मांग है । मामले पर सुनवाई 28 जून को होगी।