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वकीलों ने राज्य सेवा प्राधिकरण खोलने का किया विरोध, सीएम को सौंपा ज्ञापन
शिमला। हिमाचल प्रदेश के वकीलों ने सेवा संबंधी मामलों (Service Related Cases) को निपटाने के लिए राज्य सेवा प्राधिकरण (State Service Tribunal) खोलने का विरोध किया है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने शुक्रवार को इस संबंध में सीएम को ज्ञापन सौंपा। वकीलों ने सरकार से इस मामले पर पुनर्विचार करने को कहा है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (High Court Bar Association) का कहना है कि राज्य सेवा प्राधिकरण को पुनः खोलना वादियों के हक में नहीं है। इससे न्याय मिलने में अधिक देरी होगी। सेवा प्राधिकरण को पहले ही दो बार बंद किया जा चुका है। प्राधिकरण के बंद होने के कारण ही प्रदेश उच्च न्यायालय में जजों की संख्या 13 से बढ़कर 17 हुई है।
ट्रिब्यूनल के खुलने और बंद होने की दास्तां
गौरतलब है कि 1986 में पहली बार सेवा प्रशासनिक प्राधिकरण का गठन किया गया था। जुलाई 2008 में प्राधिकरण को बंद कर दिया गया। प्राधिकरण बंद होने के पश्चात जितने भी मामले प्राधिकरण के समक्ष लंबित पड़े थे उनको हाईकोर्ट (Himachal High Court) के लिए स्थानांतरित कर दिया गया। इसके पश्चात फरवरी 2015 में प्रशासनिक प्राधिकरण का पुनः गठन किया गया। अगस्त 2019 में फिर से प्राधिकरण को बंद कर दिया गया और जितने भी मामले प्राधिकरण के समक्ष लंबित पड़े थे, उन्हें तथा निपटाए गए सारे मामलों का रिकॉर्ड हाईकोर्ट के लिए स्थानांतरित किया गया। एक बार फिर राज्य सरकार ने सेवा प्रशासनिक प्राधिकरण खोलने का फैसला किया है।
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