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शिमला में अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव हुआ शुरू, गुलजार समेत पहुंची कई हस्तियां
शिमला। प्रदेश की राजधानी शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में आज अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव (International Literary Festival) ‘उन्मेष’ शुरू हो गया है। इस उत्सव में करीब 15 देशों के 425 लेखक, कवि और कलाकार आए हैं। यहां 60 भाषाओं के लोग हैं। शिमला जैसे ऐतिहासिक शहर में यह एक साहित्यिक चिंतन बड़ा आयोजन है।
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इस उत्सव में बॉलीवुड के जाने-माने गीतकार गुलजार भी पहुंचे हैं। गुलजार आज मालरोड व रिज भी घूमे। वहीं, फिल्म निर्देशक विशाल भारद्वाज भी कार्यक्रम में पहुंचे हैं। उद्घाटन अवसर पर जाने-माने विद्वान और जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि साहित्य के बिना भारत ही नहीं विश्व में भी हाहाकार मिटाया नहीं जा सकता है। रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि साहित्य वह विधा है, जो जीवन से पशुता को दूर करता है। उन्होंने कहा कि पशु उतना घातक नहीं होता है, जितनी पशुता होता है। बता दें कि उत्सव का उद्घाटन केंद्रीय संसदीय कार्य व संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने किया। इस दौरान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर कंबार और हिमाचल के शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर भी मौजूद रहे। केंद्रीय संसदीय कार्य व संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सबको उन्मेष का मतलब समझाया। उन्होंने कहा कि उन्मेष का अर्थ प्रकट करना, सुबह-सुबह आंखें खोलना, खिलना, अभिव्यक्ति आदि को उन्मेष कहते हैं। उन्होंने कहा कि हर साल ऐसे साहित्योत्सव करने का प्रयास किया जाएगा।
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