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शिमला में सड़क पर उतरे वामपंथी संगठन, केंद्र सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन
शिमला। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले राजधानी शिमला में वामपंथी संगठनों का केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शनकिया। वामपंथी संगठनों ने शिमला में डीसी कार्यालय के बाहर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इन संगठनों का कहना है कि केंद्रीय बजट में सरकार ने मजदूरों और महिलाओं के बजट में कटौती कर इनके हितों को नुकसान पहुंचाया है। वामपंथ ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार ने मनरेगा जैसी जरूरी योजनाओं के बजट में कटौती कर दी। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों और महिलाओं का रोजगार छिन गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए 200 दिनों का रोजगार दें केंद्र
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की प्रदेश सचिव फालमा चौहान ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान सभी संगठनों ने मांग की है कि सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए 200 दिनों का निश्चित रोजगार उपलब्ध कराना होगा। इसके अलावा महिलाओं के लिए पुरुषों के बराबर रोजगार व 600 दिहाड़ी तय की जाए। मजदूरों के लिए बनाए गए 44 श्रम कानून, नई शिक्षा नीति को निरस्त किया जाना चाहिए। महिलाओं के साथ पूरे देश भर में अत्याचार हो रहे हैं जिस पर रोक लगाई जानी चाहिए।