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निजी ऑपरेटरों से मिलने के बाद बोले मुकेश- न्यूनतम किराया बढ़ाने की मांग पर कैबिनेट करेगी फैसला
शिमला। कांग्रेस सरकार ने परमिट की नीति नहीं बदली है। उन्होंने कहा कि एचपी 02 सीरीज की बसों के बकाए टैक्स (Tax Due) के मामले में सरकार चाहती है कि इन बसों का पंजीयन हिमाचल प्रदेश में हो। इसके अलावा सरकार टैक्स ढांचे का उदारीकरण (Liberalization Of Tax Structure) करना चाहती है, ताकि किसी को कोई परेशानी न हो।
बसें 8 नहीं 12 साल में ऑफ रोड होंगी- पाराशर
बैठक में सरकार ने 8 साल के बाद बसों को रूट पर नहीं चलाने के आदेश को वापस लेने का भरोसा दिया है। प्राइवेट बस ऑपरेटर्स यूनियन के अध्यक्ष राजेश पाराशर ने यहां प्रेसवार्ता में कहा कि हिमाचल सरकार ट्रांसपोर्टरों के हित में टैक्स के ढांचे में बदलाव को भी राजी हो गई है। पाराशर ने बताया कि ऑपरेटरों की मुख्य मांग 40 लाख की बस को महज 8 साल में ऑफ रोड करने की सरकार की नीति के खिलाफ थी। उन्होंने बताया कि इतने कम समय में ऑपरेटर का पूरा कर्ज भी नहीं चुकाया जा सकता है। पाराशर ने कहा कि सरकार ने ऑपरेटर्स की सभी मांगों को गंभीरता से सुनने के बाद बसों को ऑफ रोड (Off Road) करने की समयसीमा को पहले की तरह 12 साल रखने का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत छोटे-छोटे पहलू थे, जिनसे केवल निजली बस ऑपरेटरों का ही नुकसान हो रहा था। सरकार को कोई फायदा नहीं था।
परमिट के हस्तांतरण की अनुमति का वादा
पाराशर ने कहा कि बस के साथ परमिट के हस्तातंरण (Transfer Of Permit) की अनुमति न देने के मुद्दे पर भी सरकार से चर्चा हुई। पिछली सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। तब निजी बस ऑपरेटर्स यूनियन ने सरकार से इस मुद्दे पर लीगल एडवाइज लेने की सलाह दी थी। तत्कालीन विधि सलाहकार ने यह माना था कि बस के साथ परमिट का हस्तांतरण जायज है। इसे सुनने के बाद हिमाचल सरकार ने आश्वासन दिया कि परमिट के हस्तांतरण की व्यवस्था पहले की तरह ही चलती रहेगी।
बकाया टैक्स की विसंगति को भी माना
पराशर ने बताया कि जनवरी 2021 से एचपी 02 की बसों का टैक्स बकाया है। यह आज तक नहीं चुकाया जा सका है, क्योंकि एक बस पर ही साल का 45 से 50 लाख रुपए का टैक्स बकाया था। ऑपरेटर्स इसे चुका नहीं पा रहे थे, क्योंकि टैक्स का बकाया ही बस की कीमत से अधिक है। डिप्टी सीएम ने इस परेशानी को सुनने के बाद परिवहन सचिव और परिवहन आयुक्त को निर्देश दिए कि इस विसंगति को तुरंत खत्म किया जाए।