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Himachal में कब हो सकते हैं पंचायत #Election, क्या बोले मंत्री वीरेंद्र कंवर-जानिए
शिमला। पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि हिमाचल (Himachal) में पंचायतों का गठन 21 जनवरी से पहले करना है। 21 जनवरी से पहले पंचायतों, जिला परिषद, पंचायत समितियों का गठन कर दिया जाएगा। पंचायती राज विभाग (Panchayati Raj Department) चुनाव के लिए तैयार है। सही वक्त पर चुनाव होंगे। चुनाव आयोग निर्धारित समय में चुनाव की घोषणा करेगा। यहां मीडिया से बातचीत में वीरेंद्र कंवर ने बताया कि पहले चरण में नई पंचायतों का गठन किया गया है। करीब 404 नई पंचायतों का गठन किया गया है। दूसरे चरण में डिलिमिटेशन हो रही है। डिलिमिटेशनकी प्रक्रिया खत्म होने के बाद नई वोटर लिस्ट (New Voter List) तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि नई पंचायतों के गठन से सरकार पर आर्थिक बोझ पड़ा है। लेकिन लोगों की समस्याओं को देखते हुए सरकार ने नई पंचायतों के गठन का फैसला लिया। कई जगहों पर लोगों को लंबा सफर तय कर पंचायत के कार्यों के लिए आना जाना पड़ता है। वहीं, विकास में भी बड़ी पंचायतें बाधा थीं। छोटी यूनिट बनाकर लोगों की आवाज को लोकतंत्र में बुलंद किया गया है। बिना किसी भेदभाव से नई पंचायतों का गठन किया है।
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मनरेगा को लेकर पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर (Panchayati Raj Minister Virender Kanwar) ने कहा कि उनकी सरकार बनने पर एक साल चार काम का टारगेट पंचायतों को दिया। उन्हें कहा गया कि चार-चार बड़े काम करने हैं। इसको लेकर सरकार ने कुछ मॉडल भी तैयार किए गए। हिमाचल में इको पार्क बनाए गए है। इन पर एक-एक करोड़ का खर्च किए गए हैं। पार्क में पौधारोपण किया गया, तालाब बनाए गए। इसके अलावा टॉय बोट डाली गईं। साथ ही टॉय ट्रेन भी चलाई गई। उनकी सरकार ने एक नया कंसेप्ट हिमाचल में दिया मनरेगा टूरिज्म (MGNREGA tourism) का।
यही नहीं मनरेगा के माध्यम से 14-14 व 13-13 किलोमीटर लंबी तारकोल की सड़कें भी बनाई गई हैं। इसके अलावा पंचायत घर व विश्राम गृह आदि का निर्माण भी किया गया है। मनरेगा के तहत गांव में एंबुलेंस रोड व तालाब भी बनाए गए हैं। उन्होंने कह कि इस साल हिमाचल में दो करोड़ 75 लाख मेन डेज जनरेट करने का टारगेट दिया गया है। पहले लॉकडाउन (Lockdown) के बाद 21 अप्रैल से प्रदेश में शुरू हुई मनरेगा एक्टिविटी में दो करोड़ से ज्यादा जनरेट कर लिया गया है। हम टारगेट से कहीं ज्यादा हैं। वीरेंद्र कंवर ने बताया कि कृषि विभाग में जहर की खेती की जगह प्राकृतिक खेती को तव्वजो देने का लक्षय है। साथ ही प्राकृतिक खेती से होने वाली उपज की आय को दोगुना करना भी लक्ष्य है। इसके लिए किसानांे को मार्केंट चेन उपलब्ध करवाएंगे। प्राकृतिक खेती से तैयार सेब, फल व सब्जियों के अलावा देसी गाय से दूध को ब्रांड करेंगे। केंद्र में मोदी सरकार की आत्म निर्भर भारत के तहत हर जिला में एक प्रोडक्ट की ब्रांडिंग की जाएगी। उद्योग लगाए जाएंगे।
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