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हिमाचलः आज के बाद सिंगल यूज प्लास्टिक इस्तेमाल किया तो एक लाख जुर्माना, पांच साल की जेल
देश के साथ हिमाचल प्रदेश में भी आज से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंधित लग गया है। अब कोई भी प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करेगा। अगर कोई इसका प्रयोग करता है तो पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस बाबत सरकार पहले ही सभी हितधारक विभागों और डीसी को आवश्यक दिशा निर्देश दे चुकी है। सरकार की ओर से प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए टास्क फोर्स भी गठित की गई है।
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प्लास्टिक का इस्तेमाल करने पर 500 से 2000 रुपए तक के चालान हो सकते है साथ ही थोक विक्रेताओं पर एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा। सरकार ने प्लास्टिक इस्तेमाल करने पर 5 साल तक की जेल का भी प्रावधान किया है। राज्य सरकार द्वारा तैयार एक्शन प्लान में पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग, शहरी विकास विभाग, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पंचायतों और स्थानीय शहरी निकाय की जिम्मेदारी तय की गई है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा बन रहे प्लास्टिक का प्रयोग रोकना सबकी ज़िम्मेदारी होगी। जाहिर है सिंगल-यूज प्लास्टिक आमतौर पर ऐसी वस्तुएं होती हैं जिन्हें केवल एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है और रीसाइक्लिंग प्रक्रिया के लिए नहीं जाता है। प्लास्टिक प्रदूषण में इनका बड़ा योगदान है।
सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं में ईयरबड, गुब्बारे के लिए प्लास्टिक की छड़ें, झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल), प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर और स्टिरर रैपिंग या पैकेजिंग शामिल हैं।
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