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अब #UP में धोखे से बदलवाया #धर्म तो 10 साल तक खानी होगी जेल की हवा
पटना। उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा पारित अध्यादेश को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने मंजूरी दे दी है। इसी के साथ आज से ये अध्यादेश यूपी में लागू हो गया है। इसके साथ ही यह नया कानून आज से यूपी में लागू हो गया है। 24 नवंबर को उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने लव जिहाद पर अध्यादेश को मंजूरी दी थी। इसके बाद इसे राज्यपाल के पास पारित करवाने के लिए भेजा गया था। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। अध्यादेश के मुताबिक, धोखे से धर्म बदलवाने पर 10 साल तक की सजा होगी। इसके अलावा सहमति से धर्म परिवर्तन (Religion change) के लिए जिलाधिकारी को दो महीने पहले सूचना देनी होगी।
UP Govt approves ordinance against unlawful conversions against 'Love Jihad',
The ordinance provides for a jail term of 1-5 years with Rs 15,000 penalty for forceful religious conversion!Kudos @myogiadityanath 💪🏼🙏🏻 soon every State shall bring this to save our Daughters!
— Girish Bharadwaj (@Girishvhp) November 24, 2020
गौर हो कि उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) ने ऐलान किया था कि हम लव जिहाद पर नया कानून बनाएंगे ताकि लालच, दबाव, धमकी या झांसा देकर शादी की घटनाओं को रोका जा सके। यूपी सरकार के अध्यादेश के अनुसार जबरन या धोखे से धर्म परिवर्तन के लिए 15,000 रुपए के जुर्माने के साथ 1-5 साल की जेल की सजा का प्रावधान है। अगर SC-ST समुदाय की नाबालिगों और महिलाओं के साथ ऐसा होता है तो 25,000 रुपए के जुर्माने के साथ 3-10 साल की जेल होगी। यूपी सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि यूपी कैबिनेट उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 लेकर आई है, जो उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सामान्य रखने के लिए और महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए जरूरी है।
24 नवंबर को उन्होंने कहा कि बीते दिनों में 100 से ज्यादा घटनाएं सामने आई थीं, जिनमें जबरन धर्म परिवर्तन के सामने आए थे। उन्होंने कहा था कि इसमें पाया गया था कि छल-कपट, बल से धर्म परिवर्तित किया जा रहा है। अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के इच्छुक लोगों को निर्धारित प्रारूप पर जिलाधिकारी को 2 महीने पहले सूचना देनी होगी, इसका उल्लंघन किए जाने पर 6 महीने से 3 साल तक की सजा और जुर्माने की राशि 10 हजार रुपए से कम की नहीं होने का प्रावधान है।