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सेब नाले में फेंकने पर एक्शन- बागवान पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लगाया एक लाख जुर्माना
शिमला। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Pollution Control Board) ने बीते जुलाई माह में सेब को नाले में बहाने वाले रोहड़ू क्षेत्र के बागवान यशवंत ठाकुर पर एक लाख जुर्माना (one lakh fine) लगाया है। हालांकि बागवान यशवंत ठाकुर को इस बारे भेजे नोटिस में बोर्ड ने एक लाख की रकम को जुर्माना ना बताते हुए पर्यावरण को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति करार दिया है। नोटिस में बोर्ड ने एनजीटी के 2013 के आदेशों के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण कानून का हवाला भी दिया है। साथ ही बागवान यशवंत ठाकुर (Yashwant Thakur) को जुर्माने की रकम 15 दिनों में बोर्ड के बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में जमा करने को कहा है। ऐसा न करने की स्थिति में यशवंत ठाकुर के खिलाफ बोर्ड पर्यावरण संरक्षण कानून के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करेगी।
सेब नाले में फेंकने का वीडियो वायरल हुआ था
उल्लेखनीय है कि राज्य में बीते जुलाई व अगस्त माह में भारी बारिश ने कहर बरपाया। जुलाई माह में भारी बारिश की वजह से कई जिलों में सडक़ें क्षतिग्रस्त हुई। इसी बीच रोहड़ू के बागवान यशवंत ठाकुर का सोशल मीडिया में सेब को गाड़ी से क्रेट में उतार कर नाले में फेंकने का वीडियो वायरल(video viral) हुआ। भाजपा ने इस मुद्दे को लपकते हुए सरकार पर निशाना साधा। मगर बागवान यशवंत का कहना था कि संपर्क सड़क बंद होने की वजह से उन्होंने सेब को नाले में फेंका। सेब को खड्ड में फेंकने के मुद्दे पर ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उन्हें नोटिस दिया है। साथ ही जुर्माना भी लगाया है। माना जा रहा है कि सेब की वजह से जल प्रदूषण के संभावित खतरे को देखते हुए यह नोटिस दिया गया है।
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मामले को राजनीतिक रूप देते हुए प्रताड़ित किया है
उधर बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज(Former Minister Suresh Bhardwaj) ने कहा कि सडक़ें बंद होने की वजह से बागवान को अपनी सेब की फसल नाले में फेंकनी पड़ी। मगर अब नाले को कथित तौर पर दूषित करने के आरोपों में बागवान को नोटिस दिया गया है। उन्होंने कहा कि पहले तो बागवान को अपना सेब नाले में फेंकना पड़ा है, मगर इसके बाद सरकार ने सारे मामले को राजनीतिक रूप देते हुए बागवान को प्रताडि़त करना प्रारंभ कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह सच है कि इस बार आपदा से प्रदेश को बहुत नुकसान हुआ है और ऐसे में प्रदेश और केंद्र सरकार मिलकर आगे बढऩे कि कोशिश कर रही है। लेकिन द्वेष भाव से किसान के खिलाफ ऐसी कार्रवाई निंदनीय है। उन्होंने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मांग की है कि किसानों को प्रताडि़त न किया जाए और नोटिस को रद्द किया जाए।