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कोड ऑफ कंडक्ट खत्म होते ही शुरू होगी जेओए के 2000 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया
शिमला। कोड ऑफ कंडक्ट खत्म होते ही प्रदेश के स्कूलों में जेओए (लाइब्रेरियन) JOA (Librarian) के खाली पड़े 2000 पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। सरकार की ओर से हाईकोर्ट (High Court) को यह जानकारी देते हुए बताया गया कि इन पदों के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियम 6 दिसंबर 2023 को बना लिए थे। इससे पहले हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (लाइब्रेरियन) के नाम से भरे जाने वाले पदों के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को अंतिम रूप देने के आदेश दिए थे। पहले जिन पदों को एसिस्टेंट लाइब्रेरियन (Assistant Librarian) के नाम से जाना जाता था उनके स्थान पर नए केडर के जेओए (लाइब्रेरियन) के करीब 2000 पद शिक्षा विभाग में खाली पड़े हैं। न्यू केडर के इन पदों के लिए भर्ती नियम नए सिरे से बना दिए गए हैं।
लोकसभा आम चुनाव और विधानसभा उप चुनावों को लेकर जारी मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (Model Code of Conduct) के कारण इन रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया शुरू नही की जा रही है। मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार के इस वक्तव्य के पश्चात तातापानी निवासी प्रताप सिंह ठाकुर की ओर से मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र से जुड़े मामले का निपटारा कर दिया। पत्र के माध्यम से आरोप लगाया गया था कि सरकारी स्कूलों में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट लाइब्रेरियन (Junior Office Assistant Librarian)के दो हजार से ज्यादा पद खाली पड़े हैं। सरकारी स्कूलों में इन पदों के खाली रहते बच्चे निजी स्कूलों की तरफ रुख कर रहे हैं। यह भी आरोप लगाया गया था कि गरीब लोग निजी स्कूलों की फीस नहीं दे पाते और सरकारी स्कूलों में पुस्तकालय न होने की वजह से बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं में फेल हो जाते हैं। पत्र के माध्यम से गुहार लगाई थी कि राज्य सरकार को सरकारी स्कूलों में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट लाइब्रेरियन के पद भरने के आदेश दिए जाए।