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Don’t Bother Me Boss: ऑफिस टाइम टाइम खत्म होने के बाद बॉस नहीं कर सकता कर्मचारियों को फोन
नई दिल्ली। देश और दुनिया में श्रम को लेकर कई कानून बनाए जाते हैं। जहां हमारे देश में लेबर कानूनों में बीते संसोधन में ढिलाई बरती गई है। वहीं दूसरी ओर पुर्तगाल की सत्तारूढ़ सोशलिस्ट पार्टी ने एक नया लेबर कानून पास किया है। इस कानून के मुताबिक अब किसी भी कंपनी का बॉस अपने मातहत कर्मचारियों और जूनियर वर्कर्स को ऑफिस का टाइम खत्म होने के बाद काम के संबंध में न ही कोई फोन कर सकता है और न ही मैसेज कर सकता है। हालांकि, कुछ आपतकालीन स्थिति में छूट का प्रवाधान भी दिया गया है।
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दरअसल, कोरोना काल के दौरान बंद होने के चलते पूरी दुनिया में वर्क फ्रॉम का प्रचलन बढ़ गया। ऑनलाइन ऑफिस मीटिंग, जूम कॉल्स, गूगल मीट का शोर बढ़ गया। वर्क फ्रॉम होम को लेकर लोगों को जो सबसे बड़ी शिकायत थी, वह यह कि घर से काम करने के कारण काम के घंटे पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा बढ़ गए थे। लोगों का कहना था कि पहले ऑफिस टाइम खत्म होने के बाद लोग समय से अपने घर चले जाते थे, परिवार के साथ वक्त बिताते थे। मगर वर्क फ्रॉम कल्चर के कारण घर में रहने के बावजूद वे अपनी फैमिली को समय नहीं दे पाते हैं। जिससे स्ट्रेस काफी बढ़ गया। इसी को देखते हुए पुर्तगाल की समाजवादी सरकार ने यह कदम उठाया और नया कानून बना दिया। लेकिन सच तो ये है कि पुर्तगाल दुनिया का पहला ऐसा देश नहीं है, जिसने यह नियम बनाया है।
क्या है राइट टू डिस्कनेक्ट
कानून की भाषा में एक टर्म है, जिसे राइट टू डिसकनेक्ट कहते हैं। दुनिया के कई देशों में यह कानून लागू है, जिनमें से अधिकांश देश यूरोप के हैं। साथ ही दुनिया की कई बड़ी कंपनियों में स्वतंत्र रूप से भी यह नियम है कि किसी भी कर्मचारी को उनका बॉस वीकली ऑफ के दिन और काम के घंटे खत्म होने के बाद काम के सिलसिले में कोई फोन नहीं कर सकता है।
किन देशों में यह कानून
राइट टू डिसकनेक्ट का पहला पिटीशन यूरोप में फ्रांस में दाखिल किया गया था। फ्रेंच सुप्रीम कोर्ट में 2 अक्तूबर, 2001 को लेबर चैंबर्स ने एक केस में फैसला सुनाते हुए कहा कोई कर्मचारी ऑफिस का टाइम खत्म होने के बाद घर से काम करने या काम से जुड़ी चीजों को घर लेकर जाने के लिए बाध्य नहीं है। कोर्ट के इस फैसले के बाद फ्रांस की सरकार ने काम की बेहतर स्थितियां मुहैया कराने के लिए एक कानून पास किया। इसके मुताबिक वर्क आवर खत्म होने के बाद कर्मचारी को बॉस काम को लेकर कॉल या मैसेज के जरिए संपर्क नहीं कर सकता।
जर्मनी में अलग से ऐसा कोई कानून तो नहीं है, लेकिन सभी बड़ी जर्मन कंपनियों के अपने रूल्स एंड रेगुलेशंस में ये बात शामिल है कि कंपनी के कर्मचारियों को ऑफिस के घंटे खत्म होने के बाद और वीकेंड में संपर्क नहीं किया जा सकता. ऐसा करना कानूनन अपराध है और अगर कोई इसके खिलाफ कोर्ट में शिकायत करे तो बॉस को जेल भी हो सकती है।
इटली में भी राइट टू डिस्कनेक्ट का आइडिया नया है। लोग श्रम अधिकारों के सुनिश्चित करने के लिए इसके बारे में सोच रही है। हाल ही में पास हुए सीनेट एक्ट कर्मचारियों के हितों को कुछ हद तक सुरक्षित रखने और उनके काम की सुरक्षा, अवधि और जगह के अधिकार को तय करने के अधिकार की बात कही गई है, लेकिन यह कानून इटली में ठीक उस रूप में लागू नहीं है, जैसे पुर्तगाल, फ्रांस और जर्मनी में है। हालांकि, स्लोवाकिया में फ्रांस और पुर्तगाल की तरह ही राईट टू डिस्कनेट का कानून है। वहीं, एशियान कंट्री फिलीपींस भी इस मामले में शामिल है। 2017 में फिलीपींस की सत्रहवीं कांग्रेस में राइट टू डिसकनेक्ट का बिल पास हो चुका है।
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