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मैंने अपने आप से पूछा कि जिंदगी कैसे जीनी चाहिए ?
आज मैंने अपने आप से पूछा कि जिंदगी कैसे जीनी चाहिए ?
मुझे मेरा पूरा कमरा ही जवाब देने लगा
छत ने कहा – ऊंचा सोंचो
पंखे ने कहा – दिमाग ठंडा रक्खो
घड़ी ने कहा – समय की कदर करो
कैलेंडर ने कहा – वक्त के साथ चलो
पर्स ने कहा – भविष्य के लिए बचाओ
शीशे ने कहा – अपने आप को देखो
दीवार ने कहा – दूसरों का बोझ बांटो
खिड़की ने कहा – अपने देखने का दायरा बढ़ाओ
फर्श ने कहा – जमीन से जुड़ कर रहो
.
फिर मैंने बिस्तर की तरफ देखा और “बिस्तर ने कहा” –
चादर ओढ़ कर सो जा पागल ठंड बहुत है।
बाकी सब मोह माया है।:
Happy winter
टीचर – रहीम का कोई भी एक दोहा सुनाओ…
पप्पू – सर मुझे नहीं आता
टीचर – तुम्हें जितना आता है,
उतना ही सुना दो…..
पप्पू – कभी प्यासे को वाटर पिलाया नहीं,
बाद में कवाटर पिलाने से क्या फायदा…
टीचर – बैठ जा,
ड्यूटी पर मन भटका रहा है…..
एक बार पप्पू ने घड़ी बनाने वाले से पूछा…
“इस घड़ी को ठीक करने का क्या लोगे…?”
घड़ीवालाः – जितनी कीमत है, उसका आधा दे देना।
अगले दिन जब घड़ीवाले ने पप्पू से जब अपना मेहनताना माँगा
तो पप्पू ने उसे दो थप्पड़ मार दिए….।
घड़ीवाला: यह क्या किया तुमने….??
पप्पू: – कुछ नहीं, जब मैंने घड़ी लेने की जिद की थी,
तो मेरे पिताजी ने मुझे चार थप्पड़ मारे थे।
कंप्यूटर इंजीनियरिंग की लड़की को किसी लड़के ने छेड़ा….
उसका गुस्सा ऐसे निकला…
अरे.. ओ पेन ड्राइव के ढक्कन, पैदाइशी Error,
Virus के बच्चे, Excel की Corrupt File,
ऐसा Click मारूंगी कि ज़मीन से Delete हो कर…,
कब्र में Install हो जायेगा…!
समझे…
बचपन में सुना था कि….गर्मी ऊन में होती है….
स्कूल में पता चला कि
गर्मी तो जून में होती है।
घर में पापा ने बताया कि
गर्मी तो खून में होती है
जिंदगी में बहुत धक्के खाए
तब कहीं जाकर पता चला कि गर्मी ना तो खून में, ना जून में, और ना ऊन में होती है
गर्मी तो नोटों के जूनून में होती है…..