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पं बंगाल में #Election से पहले ममता को झटका, कद्दावर नेता शुभेंदु ने छोड़ा मंत्री पद
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव ( Vidhansabha elections)से पहले ममता सरकार( Mamta Govt)को बड़ा झटका लगा है। तृणमूल कांग्रेस ( TMC) के कद्दावर नेता ( Shubhendu Adhakari) ने नाराजगी की खबरों के बीच परिवहन मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।शुभेंदु अधिकारी सीएम ममता बनर्जी( CM Mamta Banerjee) के खास माने जाते थे और कुछ दिनों पहले टीएमसी से उनकी बगावत की अटकले लगाई जा रही थी। एक दिन पहले ही शुभेंदु ने हुगली रिवर ब्रिज कमीशन चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया था। . बताया जा रहा है कि शुभेंदु अधिकारी सीएम ममता बनर्जी से नाराज चल रहे थे। जिसके बाद उन्होंने बगावती तेवर अपना लिए हैं.
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शुभेंदु ने ऐसे समय पर हुगली रिवर ब्रिज कमीशन (Hooghly River Bridge Commission) के चेयरमैन पद और मंत्री पद से इस्तीफा दिया है, जब उनके पाला बदलने को लेकर अटकलें लग रही हैं। कई दिनों से चर्चा थी कि पूर्वी मिदनापुर जिले से आने वाले शुभेंदु अधिकारी टीएमसी से नाराज चल रहे हैं और ऐसे में वे बीजेपी में भी शामिल हो सकते हैं। फिलहाल, शुभेंदु ने अपना सियासी पत्ता नहीं खोला है, मगर उन्होंने लगातार दो पदों से इस्तीफा देकर संकेत दे दिया है कि वह अब टीएमसी में टिकने वाले नहीं हैं। शुभेंदु अधिकारी की ममता बनर्जी से बगावत की तस्वीर उस वक्त सामने आई, जब गुरुवार को ट्रांसपोर्ट मंत्री शुभेंदु ने पूर्व मिदनापुर के नंदीग्राम में एक रैली को संबोधित किया, जहां आज से 13 साल पहले पार्टी कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई थी। इसी की याद में हुए कार्यक्रम में नंदीग्राम में शुभेंदु ने सभा को संबोधित किया। इसी नंदीग्राम की घटना ने ममता बनर्जी को बंगाल की कुर्सी तक पहुंचाया था। दो बार सांसद रह चुके शुभेंदु अधिकारी का परिवार राजनीतिक तौर पर काफी मजबूत है। पूर्वी मिदनापुर को कभी वामपंथ का गढ़ माना जाता था मगर शुभेंदु ने अपनी रणनीतिक कौशल से बीते कुछ समय में इसे टीएमसी का किला बना दिया है। अगर वह टीएमसी से बाहर होते हैं तो ममता बनर्जी को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं। यही वजह है कि पार्टी उन्हें मनाने में जुटी है। शुभेंदु अधिकारी के भाई दिब्येंदु लोकसभा सदस्य हैं। उनके पिता सिसिर अधिकारी टीएमसी के सबसे वरिष्ठ लोकसभा सदस्य हैं, जो कांथी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।