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हिमाचलः जहरीली शराब मामले में एसआईटी ने 5 और लोगों को किया गिरफ्तार
मंडी। हिमाचल प्रदेश में जहरीली शराब के मामले (Poisonous Liquor Case) में पुलिस की गठित एसआईटी ने 5 और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अभी तक इस मामले में 12 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और पुलिस आगे की जांच गहनता से कर रही है। एसपी मंडी शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि SIT ने रविवार को मामले में कार्रवाई करते हुए हमीरपुर के प्रवीण, अलीगढ़ के पुष्पेंद्र व सन्नी, दिल्ली के सागर सैनी व जम्मू के साबा से एके त्रिपाठी को गिरफ्तार किया है। वहीं, मामले में अब तक कुल 12 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है वहीं पूरे रैकेट में अन्य और लोगों की गिरफ्तारी करने के लिए पुलिस मामले की जांच कर रही है। और जगह-जगह छापेमारी कर रही है।
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इससे पहले एसआईटी ने मुख्य सरगना समेत तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया था। हमीरपुर स्थित अवैध शराब फैक्ट्री से 6,000 भरी हुई बोतलों समेत करोड़ों का माल भी पकड़ा था। मुख्य सरगना और फैक्ट्री मालिक के घर पर 25 लाख रुपये से ज्यादा नकदी मिली है। पुलिस ने खुलासा किया है कि हमीरपुर स्थित अवैध फैक्ट्री में शराब बनाकर मंडी पहुंचाई गई थी, जिसको पीने से लोगों की जान चली गई। यह फैक्ट्री एसपी आवास से चंद कदम दूरी पर चल रही थी। बता दें कि बीते मंगलवार-बुधवार को सलापड़-कांगू क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से 7 लोगों की मौत हो गई थी और 12 लोगो का उपचार अस्पताल में चल रहा है। वहीं प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को 8-8 लाख की राशि भी जारी की गई है।
पुलिस का दावा है कि हमीरपुर में यह अवैध फैक्ट्री पूर्व उप प्रधान प्रवीण ठाकुर की बिल्डिंग में चल रही थी। पुलिस ने इसके साथ ही कांगड़ा निवासी गौरव मन्हास उर्फ गोरू से हुई पूछताछ के आधार पर नालागढ़ में भी अवैध शराब फैक्ट्री पकड़ी है। इस फैक्ट्री को गोरू अपने पार्टनरों मनु और गगन की मदद से संचालित करता था। इस फैक्ट्री को भी सीज कर दिया गया है। डीजीपी संजय कुंडू के अनुसार कांगड़ा, सोलन, हमीरपुर और जीरकपुर स्थित कई ठिकानों से पुलिस ने बड़ी मात्रा में शराब बनाने के लिए उपयोग में लाया जाने वाला होलोग्राम, लेबल, कार्टन, उपयोग की जा चुकी बोतलें, स्पिरिट, बोतल के ढक्कन, कच्चा माल व अन्य सामान जब्त किया है। अब तक की जांच के अनुसार अवैध शराब की खेप कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर और मंडी जिले में भेजी गई है। पुलिस ने मुख्य सरगना समेत अन्य आरोपियों की जानकारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ साझा कर दी है ताकि सभी के खिलाफ वित्तीय जांच कर अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को जब्त किया जा सके।