-
Advertisement
प्राकृतिक स्रोतों को लेकर हाईकोर्ट के विशेष सचिव को रिकॉर्ड के साथ हाजिर होने के आदेश
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को शिमला शहर में प्राकृतिक स्रोतों के बेहतर इस्तेमाल संबंधी हिदायत पेश करने के आदेश दिए। कोर्ट ने आपदा प्रबंधन के विशेष सचिव को रिकॉर्ड के साथ हाजिर होने के आदेश भी दिए है । न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 25 मई को निर्धारित की है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शिमला शहर में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए मुख्य सचिव को संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करने के आदेश दिए थे। इसके अलावा कोर्ट ने प्राकृतिक स्रोतों के बेहतर इस्तेमाल की संभावनाएं तलाशने के आदेश दिए थे।
प्रतिदिन लगभग 1.5 लाख लीटर पानी निकलता है प्राकृतिक स्रोतों से
अदालत ने कहा था कि प्राकृतिक स्रोतों के इस्तेमाल से ना केवल जंगल की आग बुझाने में सहायता मिलेगी, बल्कि घरेलू कार्यों के लिए भी इनका पानी इस्तेमाल किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने शिमला बालिका आश्रम में लगी आग पर संज्ञान लेने के पश्चात इस मामले को जनहित याचिका का विस्तृत रूप दिया है। जंगल में लगी आग आश्रम तक पहुंच गई थी। अग्निशमन की गाड़ियां आश्रम तक ना पहुंचने के कारण आश्रम को काफी नुकसान हुआ था। शिमला शहर में पानी की किल्लत को लेकर दायर याचिका को भी इस मामले के साथ सुना जा रहा है। कोर्ट की ओर से समय समय पर पारित आदेशों के बाद अब शहर में पानी की व्यवस्था सुचारू हुई है। कोर्ट ने शहर के प्राकृतिक स्रोतों को विकसित करने के आदेश दिए थे। नगर निगम ने शहर में सभी प्राकृतिक स्रोतों को चिन्हित किया है। इन स्रोतों से प्रतिदिन लगभग 1.5 लाख लीटर पानी निकलता है। अदालत ने पाया है कि इन स्रोतों को विकसित कर पानी का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है।