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ITI प्रशिक्षु की करंट से मौत मामले ने पकड़ा तूल, पीड़ित परिवार को मांगा 5 करोड़ मुआवजा
सुंदरनगर। मंडी जिला के उपमंडल सुंदरनगर (Sundernagar) के तहत आने वाले महादेव क्षेत्र में शुक्रवार को आईटीआई प्रशिक्षु (ITI Trainee) की करंट लगने से हुई दर्दनाक मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इसको लेकर रविवार को टावर लाइन शोषित जागरूकता मंच के द्वारा मंडी जिला के सुंदरनगर में आयोजित प्रेसवार्ता में मामले की न्यायिक जांच (judicial investigation) की मांग की है। वहीं, मंच के पदाधिकारियों ने हिमाचल प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 2 माह के अंदर गैरकानूनी तरीकों से लगाए गए ट्रांसमिशन टावर (Transmission tower) और लाइनों को हटाया नहीं गया तो इसके खिलाफ किसान आंदोलन की तर्ज पर सुंदरनगर से प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।
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इसके साथ मंच ने मृतक के परिवार को 5 करोड़ रुपए और परिवार के एक सदस्य को नौकरी तथा घायल युवक को 2 करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांग की है। इस अवसर पर टावर लाईन शोषित जागरूकता मंच के राष्ट्रीय संयोजक एडवोकेट रजनीश शर्मा ने कहा कि बिजली उत्पादन से सरकार और कंपनियां अरबों रूपयों का मुनाफा कमाती है, लेकिन बिजली के टावर और ट्रांसमिशन लाईनों को जमीनों और घरों के ऊपर से डालकर गरीबों के साथ धोखा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुंदरनगर के घांघल में निजी आईटीआई (ITI) में हुआ दर्दनाक हादसा विद्युत विभाग (Electricity Department) की लापरवाही के चलते हुए है। उन्होंने कहा कि पहले भी इसी तरह से प्रदेश में ट्रांसमिशन टावर और लाईनों के द्वारा सैंकड़ों मौतें हो चुकी हैं। रजनीश शर्मा ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान मौजूदा समय में सत्तासीन बीजेपी के मेनिफेस्टो में भी सत्ता में आने पर ट्रांसमिशन टावर और लाईनों के खिलाफ कानून बनाने की बात कही थी। लेकिन धरातल पर आजदिन तक इस दिशा में कुछ नहीं हो पाया है।