-
Advertisement
हिमाचल: भड़काऊ भाषण के बाद अब यति नरसिंहानंद सरस्वती ने खुद को बताया कुत्ता; जाने क्यों
ऊना। हिमाचल के जिला ऊना (Una) के मुबारिकपुर में चल रही धर्म संसद (Dharam Sansad) में विशेष रुप से पधारे यति नरसिंहानंद सरस्वती (Yeti Narasihanand Saraswati) ने खुद को हिंदू समाज का कुत्ता करार दिया है। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में सदियों की परंपरा रही है कि घरों में या गली मोहल्लों में कुत्ते पाले जाते थे और वही कुत्ते (Dog) खतरा आने पर चिल्ला चिल्ला कर अपने मालिक को और भोजन खिलाने वालों को आगाह करते थे। मैं हिंदू धर्म का वही कुत्ता हूं जो वर्तमान परिदृश्य में हिंदू समाज की तरफ बढ़ रहे बड़े खतरे से सचेत करने के लिए चिल्ला चिल्ला कर लोगों को आगाह करता हूंए लेकिन मेरे इसी चिल्लाने को सदैव विवादित करार देकर हिंदू समाज (Hindu Society) के उत्थान के लिए उठने वाली आवाज को दबाने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा जारी किया गया नोटिस केवल मात्र उच्चतम न्यायालय के आदेशों पर एक संज्ञान है। दूसरी तरफ धर्म संसद के आयोजक यति सत्देवानंद सरस्वती ने कहा कि पुलिस द्वारा जारी किए गए नोटिस का जवाब दिया जा चुका है।
यह भी पढ़ें- हिमाचल के ऊना जिला में नहीं आएगी कोई ट्रेन, यहां जाने क्या हैं कारण
भड़काऊ भाषण ना देने को लेकर जारी किया था नोटिस
बता दें कि रविवार से मुबारिकपुर में अखिल भारतीय संत परिषद की तीन दिवसीय धर्म संसद शुरू हुई है। वहीँ इस इस धर्म संसद में अक्सर विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले यति नरसिंहानंद बतौर मुख्य वक्ता हिस्सा ले रहे है। धर्म संसद के पहले दिन के सभी सत्र संपन्न होने के बाद पुलिस ने धर्म संसद के आयोजक यति सत्देवानन्द को नोटिस (Notice) भेज किसी भी धर्म, समुदाय या जाति के विरुद्ध भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल ना करने के निर्देश दिए है। एसपी ऊना (SP Una) ने कहा कि अभी तक संबंधित आयोजन से पुलिस को किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं मिली है। लेकिन फिर भी पुलिस इस पर निगाह रखे हुए हैं।
हिमाचल के हिंदुओं का कश्मीरी पंडितों जैसा होगा हाल
धर्म संसद में विशेष रूप से पहुंचे यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा है कि वह हिंदू धर्म के वफादार कुत्ते का किरदार निभा रहे हैं। नरसिंहानंद ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में हिंदू धर्म लगातार पतन की ओर जा रहा है। राजनीतिक दल तो इस पर चुप्पी साधे ही बैठे हैं इसके साथ.साथ अब धर्मगुरुओं ने भी इस पर आवाज उठाना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि आज के समय में हिंदुओं की बहू बेटियां घरों में ही सुरक्षित नहीं है। नरसिंहानंद सरस्वती ने द कश्मीर फाइल का जिक्र करते हुए कहा कि आने वाले समय में हिमाचल के हिंदुओं के साथ कश्मीरी पंडितों जैसा व्यवहार ना होने पाए इसी के चलते वह समाज को जागृत करने का काम कर रहे हैं।