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2022 बजट में पीपीएफ में होगा बड़ा बदलाव, यहां से मिल रहे संकेत
नई दिल्ली। इस साल का केंद्रीय बजट (Union Budget) पहली फरवरी को पेश किया जाएगा। केंद्रीय वित्त निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) इसे संसद में पेश करेंगी। बजट को लेकर स्टेकहोल्डर्स के साथ ही राज्यों के वित्त मंत्रियों ने अपने सुझावों की लिस्ट सौंप दी है। इस बीच इंस्टीच्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (Institute of Chartered Accountants of India) ने भी अपनी सिफारिशें भेजी है और पीपीएफ (PPF) की अधिकतम वार्षिक जमा सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपए करने की सिफारिश की है। इस बजट में पीपीएफ में यह हो सकते हैं बदलाव।
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ICAI ने की सिफारिश
रिपोर्ट के अनुसार, इंस्टीच्यूटऑफ चार्टड अकाउंटेंट ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (Public Provident Fund) में निवेश की अधिकत्तम सीमा को मौजूदा 1.5 लाख रुपए से बढ़ाकर तीन लाख रुपए करने का सुझाव दिया है।
PPF एकमात्र सुरक्षित और टैक्स अफेक्टिव बचत योजना
ICAI ने सिफारिश में कहा है कि PPF की जमा सीमा में वृद्धि जरूरी है, क्योंकि ये एकमात्र सुरक्षित और टैक्स अफेक्टिव बचत योजना है। ICAI ने यह भी कहा है कि उसका मानना है कि PPF जमा सीमा में वृद्धि से GDP के प्रतिशत के रूप में घरेलू बचत को बढ़ावा मिलेगा और इसका मुद्रास्फीति विरोधी प्रभाव होगा।
ICAI के प्रमुख सुझाव
. पीपीएफ में योगदान की वार्षिक सीमा 1.5 लाख रुपए की वर्तमान सीमा से बढ़ाकर 3 लाख रुपए की जाए।
. धारा सीसीएफ के तहत कटौती की अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए की जा सकती है।
. बड़े पैमाने पर जनता को बचत के अवसर प्रदान करने के लिए धारा 80 सी के तहत कटौती की मात्रा 1.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए की जा रही है।
. केंद्रीय बजट 2022-23 पहली फरवरी, 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किया जाएगा।
PPF क्या है
पब्लिक प्रोविडेंट फंड या PPF भारत में सबसे लोकप्रियए लंबी अवधि के निवेश विकल्पों में से एक है। यह रिटायरमेंट के बाद निवेशकों के लिए लंबे समय तक सेविंग करने की एक बचत योजना है।
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