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दवाओं ही नहीं इन बीजों से भी होते हैं हार्मोन संतुलित, जानिए क्या मिलता है फायदा
महिलाओं (Women) के लिए हार्मोन एक मित्र की भांति काम करते हैं। ये मूड, भावनाओं रिप्रोडक्शन, एनर्जी, नींद, बाल, त्वचा और वजन को कंट्रोल करने में (Regulates mood, emotion reproduction, energy, sleep, hair, skin and weight) हेल्प करते हैं। हार्मोन क्रियाएं तभी सक्रिय रहती हैं जब वे संतुलित होंगी। पीरियड्स को कंट्रोल करने से लेकर हमारी भूख तक को नियंत्रित करने हार्मोन एक केमिकल संदेशवाहक हैं। वहीं हार्मोन का असंतुलन हमारे शरीर को प्रभावित करता है। इससे इनफर्टिलिटी और पीसीओएस (Infertility and PCOS) सहित कई समस्याएं हो सकती हैं। यदि हार्मोन असंतुलित हों तो उनके कुछ लक्षण होते हैं। ये यौवन, पीरियड्स और मेनोपॉज के दौरान (During puberty, periods and menopause) अनुभव किए जा सकते हैं। वहीं सूखी त्वचा, मूड स्विंग और डिप्रेशन जैसे लक्षण मेन होते हैं। इसलिए हमें हार्मोन पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। बीजों के द्वारा भी हार्मोन को संतुलित रखा जा सकता है। आइए आज आपको बताते हैं कि आखिर वो कौन-कौन से बीज से जिनसे हार्मोन में संतुलन बना रहता है।
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इसके लिए सबसे पहले कद्दू के बीज आते हैं। इनमें जिंक की मात्रा अधिक होती है। इससे माइग्रेन, सिरदर्द, डिप्रेशन, चिंता आदि प्रोजेस्टेरोन (Migraine, Headache, Depression, Anxiety etc. Progesterone) की कमी के कोई लक्षण हो तो उनसे राहत मिलती है। इसके लिए ताजे पिसे हुए कद्दू के बीज समग्र स्वास्थ्य और हार्मोन को संतुलित करने के लिए बेहतर होते हैं। इनमें जिंक होता है जो प्रोस्टाग्लैंडीन मेटाबॉलिज्म को कम पीरियड्स में होने वाली ऐंठन को कम करता है।
वहीं यह फाइटोएस्ट्रोजेन का अच्छा स्रोत है जो एस्ट्रोजन के लेवल को संतुलित करता है। इसमें मैग्नीशियम होता है जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है। वहीं दूसरे नंबर पर अलसी के बीज आते हैं। ये बीज भी हार्मोन के संतुलन के लिए बहुत लाभदायक होते हैं।इससे सूजन, थकान, मूड स्विंग्स, ऐंठन, ब्रेस्ट कोमलता आदि के लिए मदद मिलती है। ये बीज ओमेगा फैटी एसिड और लिग्नन नामक एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) का एक बड़ा स्रोत हैं। यह फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद करते हैं।
वहीं इनमें ट्रिप्टोफैन होता है जो सेरोटोनिन के लेवल को बढ़ाकर मूड को बढ़ाता है। साथ ही अलसी के बीज में फाइटोएस्ट्रोजन होता है जो ब्रेस्ट ट्यूमर (breast tumor) के विकास और मेनोपॉज के लक्षणों को कम करता है। इसके अतिरिक्त इसमें ओमेगा फैटी एसिड होता है जो लिपिड प्रोफाइल को नियंत्रित करता है। तीसरे नंबर पर सूरजमुखी के बीज आते हैं। पीसे हुए सूरजमुखी के बीज हमेशा हार्मोन को संतुलित करते हैं। इनमें विटामिन ई होता है। जो फर्टिलिटी को बढ़ावा देता है और प्रोजेस्टेरोन के उत्पादन को बढ़ाता है। इसके अतिरिक्त सेलेनियम का बहुत अच्छा स्रोत होने के कारण मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और थायरॉयड की कार्यप्रणाली को बढ़ाता है। फाइबर का उत्कृष्ट स्रोत होता है इसलिए डाइजेशन में सहायक होता है।