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शिमला ब्लास्ट: NSG ने घटनास्थल से जुटाए साक्ष्य
शिमला। यहां के मिडिल बाजार (Middle Bazar in Shimla) में 18 जुलाई को हुए भीषण धमाके की जांच करने रविवार को पहुंची एनएसजी की जांच टीम (NSG Fact Finding Team) ने घटनास्थल से कुछ जरूरी सबूत जुटाए हैं। इस दौरान एनएसजी के साथ शिमला पुलिस के जवान भी मौजूद थे। जांच के दौरान इलाके को पूरी तरह सील कर दिया गया था।
धमाके का कारण: एलपीजी सिलेंडर या कुछ और
मिडिल बाजार के हिमाचल रसोई रेस्टोरेंट में 18 जुलाई को हुए जोरदार धमाके की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि आसपास की कई दुकानों के शीशे टूट गए। इसके अलावा शहर के कई इलाकों में तीव्रता और धमाके (Big Blast) को महसूस किया गया। पुलिस ने अपने शुरुआती जांच में कहा कि यह एलपीजी गैस (LPG Gas) का धमाका है, जबकि सभी को इस बात पर शक रहा कि यह एलपीजी गैस धमाका नहीं हो सकता। एलपीजी गैस धमाके में न तो इतनी ज्यादा तीव्रता होती है और न ही धमाके की इतनी जोरदार आवाज।
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शिमला के लोगों को वजह जानने का अधिकार
हिमाचल बीजेपी के मीडिया प्रभारी और माल रोड पर कारोबार करने वाले करन नंदा ने कहा कि शिमला शहर के लोगों को यह जानने का अधिकार है कि आखिर धमाका कैसे हुआ? इस धमाके में एक बेकसूर की जान चली गई, जो मंदिर से अपनी दुकान की तरफ जा रहे थे। इसके अलावा 13 लोग इस घटना में घायल भी हुए। धमाके में स्पष्ट तौर पर लग रहा था कि यह एलपीजी गैस का धमाका तो नहीं हो सकता। इससे पहले भी शिमला में कई जगह धमाके हुए, लेकिन इसकी इतनी ज्यादा नहीं थी। नंदा ने कहा कि एनएसजी घटनास्थल पर पहुंचने से अब न्याय की उम्मीद बढ़ी है।