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हमें महंगे सेब कॉर्टन मंजूर नहीं, सैकड़ों बागवानों ने सरकार को चेताया
शिमला। महंगे सेब कॉर्टन (Apple carton) पर बागवान आगबबूला हो उठे हैं। इसके विरोधस्वरूप (Protest) प्रदेश की सड़कों पर उतरकर बागवानों ने जोरदार प्रदर्शन किया। उनके इस प्रदर्शन में महिलाएं भी साथ रहीं। रोहड़ू में तो जबरदस्त प्रदर्शन हुआ और धरना स्थल पर तिल धरने की खाली जगह नहीं बची।सेब के कॉर्टन महंगे (Expensive apple carton) करने पर बागवानों में बहुत गुस्सा है। सैकड़ों बागवानों ने एकत्र होकर रोहड़ू, रामपुर, ठियोग, नारकंडा, चौपाल, आनी, कोटखाई और चौपाल की सड़कों पर उतर कर जबरदस्त विरोध किया। इतना ही नहीं अब गुस्साए बागवानों ने पांच अगस्त को महंगे कॉर्टन और एपीएमसी शिमला (APMC Shimla) द्वारा शोघी बैरियर पर हो रही इललीगल वसूली के विरोध में राज्य सचिवालय को भी घेरने का फैसला किया है। इस संबंध में सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन ठाकुर ने सीधा कहा है कि पांच अगस्त को शिमला में सैकड़ों बागवान सचिवालय का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि सेब इंडस्ट्री को हर हाल में बचाया जाएगा।
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इस संबंध में अब सेब उत्पादक संघ का प्रतिनिधिमंडल 25 जुलाई को केंद्रीय कृषि मंत्री को मेमारंडम (memorandum)भी सौंपेगा। सेब उत्पादन पर जीएसटी (GST) खत्म करने के साथ ही सेब आयात शुल्क 100 फीसदी करने की मांग उठाई जाएगी। उन्होंने साफ चेतावनी दी है कि यदि कॉर्टन के दाम कम नहीं हुए और शोघी बैरियर पर अवैध वसूली बंद नहीं हुई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल (Strike) की जाएगी।वहीं शिमला के विधायक राकेश सिंघा ने प्रदेश सरकार को चेताया है कि पांच अगस्त को हजारों बागवान शिमला आकर विरोध (Protest) दर्ज करेंगे। अब सरकार चाहे जितने मर्जी बैरियर लगा ले लेकिन इस बार बागवान हरगिज पीछे नहीं हटेंगे और अपनी मांग मनवाकर ही छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि सेब इंडस्ट्री को तबाह नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने अन्य राजनीतिक दलों को भी इस लड़ाई में शामिल होने की अपील की।उधर रोहड़ू में प्रोग्रेसिव ग्रोवर एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेंद्र बिष्ट ने बागवान बहुत असहाय हैं। सेब को सरकार अपनी कमाई का जरिया बना रही है।
सभी कृषि उत्पादों पर जीएसटी लगाई जा रही है। इस समय बागवान संकट के दौर का सामना कर रहे हैं। बागवानी मंत्री छह फीसदी जीएसटी कम करने की बात कह रहे हैं। एपीएमसी (APMC) बड़ी मुश्किल से अढ़ाई लाख पेटी उपलब्ध करवाता है, जबकि प्रदेश में चार करोड़ पेटी की पैदावार हो रही है। इस बार कॉर्टन के दाम 10 से 20 फीसदी और ट्रे के 20 से 30 फीसदी तक बढ़े हैं। बीते साल मोहन फाइबर कंपनी (Mohan fiber company) की ट्रे का एक बंडल 500 रुपए मिल रहा था। इस बार प्रति बंडल के 800 रुपए दाम देने पड़ रहे हैं। स्टेपिंग मशीन (Stepping machine), सेपरेटर व स्टेपिंग रोल के दामों में दस फीसदी, भरान, ढुलाई, तुड़ान और पेटी को मंडी तक ले जाने के लिए भाड़े भी बढ़े हैं।
इतना ही नहीं सरकार ने खाद, फंफूदनाशक और कीटनाशक पर सब्सिडी भी खत्म कर दी है। बागवान बहुत मुश्किल के दौर से गुजर रहे हैं। मोदी सरकार ने पहले गत्ते जीएसटी (GST)की दर पांच से बढ़ाकर फीसदी कर दी। वहीं इस वर्ष 12 से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दी। आज बागवानों ने कॉर्टन के दाम कंट्रोल करने, बागवानों से हो रही लूट को रोकने, एपीएमसी की ओर से शोघी बैरियर (Shoghi barier) पर वसूली रोकने, किलो के हिसाब से सेब बेचने, समयानुसार फसल की पेमेंट देने, पेमेंट का जल्द भुगतान करने, सरकारी उपक्रम एचपीएमसी और हिमफेड के पास एमआईएस की बागवानों को पेमेंट जल्द दिलवाने, सेब खरीद का मूल्य 16 रुपए करने, फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा दिलवाने आदि मांगों को पूरा करने की बात रखी। इसके साथ ही प्रदेश में भी जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) की तर्ज पर नेफेड के माध्यम से तीन ग्रेड का सेब 24, 44 और 64 रुपए के हिसाब से खरीदने की मांग की जाएगी। ठियोग में हुए बागवानों के प्रदर्शन में एमएलए राकेश सिंघा, किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ कुलदीप तनवर किसान सभा अध्यक्ष सुरेश वर्मा, प्रो राजेंद्र वर्मा, सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन ठाकुर, संदीप वर्मा व सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष महेंद्र वर्मा आदि मौजूद रहे।
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