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ना ऊंची दीवारें और ना ही तालें, यहां सुबह उठकर नौकरी करने जाते हैं कैदी
Open Jails in India: हम जब किसी जेल के बारे में सोचते हैं तो ऊंची दीवारों की बड़ी इमारत, लोहे की सलाखें, रहने के लिए कैदियों के सैल और सैल में लगे भारी- भरकम ताले हमारे जहन में आते हैं। खाने के लिए कैदियों की लाइन कैसे लगती है और उनसे वहां पर काम भी करवाया जाता है। चलिए इन सबसे हटकर आज ऐसी जेल की बात करते हैं जहां पर ना ऊंची दीवारें और ना ही तालें। यहां तो सुबह उठकर नौकरी करने जाते हैं कैदी…..
1905 में मुंबई में खोली गई थी पहली ओपन जेल
दरअसल भारत में जेल सुधार के तहत ओपन जेल (Open Jails) का एक अनूठा मॉडल पेश किया गया है, जो पारंपरिक जेल प्रणाली से अलग है । यहां किसी तरह की सलाखे नहीं होती, यहां तक कि इस जेल में कैदियों की सेल में ताले भी नहीं लगाए जाते और ना बेड़ियां पहनाई जाती हैं। वैसे तो भारत में आठ तरह की जेलें होती हैं। इसमें सेंट्रल जेल से लेकर उप जेल तक शामिल हैं। भारतीय जेलों की कैटेगरी में से एक जेल होती है ओपन जेल। यह ऐसे कैदियों के लिए होती है, जो व्यवहार में अच्छे होते हैं और जेल के नियमों में खरा उतरते हैं। इन जेलों में कैदियों को विशेष सुविधाएं दी जाती हैं। यहां तक कि ओपन जेल में रखे जाने वाले कैदी सुबह उठकर काम पर भी जा सकते हैं और रात होते ही सब वापस जेल में लौट आते है। इन जेलों में सलाखें नहीं होतीं और ताले भी नहीं डाले जाते। यहां सुरक्षा व्यवस्था (Security system)भी कम होती है। भारत में इस तरह की जेलों की शुरुआत अंग्रेजों के काल में हुई थी। देश की पहली ओपन जेल 1905 में मुंबई में खोली गई थी। अगर सेंट्रल जेलों में भी किसी कैदी का व्यवहार अच्छा होता है तो उसे भी ओपन जेल में ट्रांसफर किया जा सकता है।
क्या है ओपन जेल के नियम और शर्तें
ओपन जेल एक ऐसी जगह है जहां कैदी बिना कठोर निगरानी के रहते हैं। यहां ऊंची दीवारें या ताले नहीं होते। कैदियों को स्वतंत्र रूप से अपने दैनिक कार्य करने की अनुमति होती है, लेकिन कुछ शर्तों का पालन करना अनिवार्य होता है। केवल वे कैदी जिन्हें गंभीर अपराधों में शामिल न पाया गया हो और जिनका जेल के अंदर व्यवहार अच्छा हो, उन्हें ओपन जेल में स्थानांतरित किया जाता है। कैदी सुबह अपनी नौकरी या व्यवसाय के लिए बाहर जा सकते हैं और शाम को निश्चित समय पर जेल लौटना अनिवार्य होता है। कुछ ओपन जेलों में कैदियों को अपने परिवार के साथ रहने की अनुमति भी दी जाती है, जिससे उनका भावनात्मक और सामाजिक जुड़ाव बना रहता है। हालांकि यह जेल खुला होता है, लेकिन कैदियों की गतिविधियों पर नजर रखी जाती है. जेल में न लौटने पर सजा बढ़ाई जा सकती है। कैदी अपनी आय का एक हिस्सा जेल प्रशासन को देते हैं, जबकि बाकी हिस्सा उन्हें स्वयं के और अपने परिवार के उपयोग के लिए रखा जाता है। ओपन जेल का मुख्य उद्देश्य कैदियों को समाज की मुख्यधारा में वापस लाना है. यह मॉडल कैदियों में आत्मविश्वास बढ़ाने, उन्हें उत्पादक नागरिक बनाने और पुन: अपराध की संभावना को कम करने में सहायक है।
– पंकज शर्मा