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आउटसोर्स कर्मियों के मामले पर तपा सदन, सीएम के बयान से नाराज विपक्ष का Walkout
Last Updated on March 11, 2020 by Deepak
शिमला। हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र (Budget session) में प्रश्नकाल के दौरान आज आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन और भविष्य को लेकर सदन में मामला उठा। सीएम जयराम ने सदन में कहा कि कांग्रेस ने आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण किया है और कर्मचारियों को झूठा आश्वासन दिया। जिस पर विपक्ष बिफर गया और सदन के अंदर सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद सदन की कार्यवाही से वॉकआउट कर दिया।
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इससे पहले कांग्रेस विधायक इंद्र दत्त लखनपाल ने सीएम जयराम ठाकुर से आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन को सवाल पूछा। जिसके जवाब में सीएम ने कहा कि ये कर्मचारी सरकार के स्थायी कर्मचारी नहीं है, कंपनी के माध्यम से ये लोग विभागों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं। आउटसोर्स कर्मचारियों (Outsourced employees) का शोषण न हो इसको लेकर सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इतना ही नहीं बीजेपी सरकार ने दो बार इनका वेतन भी बढ़ाया है और सैलरी स्लिप देने के भी कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित दर से मानदेय दिया जा रहा है।
माकपा विधायक राकेश सिंघा ने भी आउटसोर्स कर्मचारियों को नियुक्ति प्रमाण पत्र और 5 साल की सेवा के बाद ग्रेजुएटी (Graduate) देने को लेकर सरकार से विचार करने की मांग की। जिसके जवाब में सीएम ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों के हितों की रक्षा करना सरकार का काम है और दो साल के कार्यकाल में आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन में लगभग 2000 प्रतिमाह बढ़ोतरी हुई है साथ ही मैटरनिटी अवकाश, कैजुअल लीव भी दी जा रही है जो पहले नहीं दी जा रही थी। ग्रेजुएटी को लेकर सरकार नियमों का अध्ययन करके विचार करेगी।सीएम जयराम ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों को रखने की प्रथा कांग्रेस ने ही शुरू की थी।
विधायक इंद्र दत्त लखनपाल मुख्यमंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और कहा कि सवाल यह नहीं है कि किसने आउटसोर्स कर्मचारी रखे। सवाल यह है कि आउटसोर्स कर्मचारी का भविष्य क्या है। जिस पर सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों का कांग्रेस सरकार ने शोषण किया है और सत्ता से बाहर होते वक्त कर्मचारियों से वीरभद्र सिंह के सातवीं बार मुख्यमंत्री बनने के पीटर हॉफ में नारे लगाए गए और कर्मचारियों को झूठा आश्वासन दिया।जिस पर विपक्ष बिफर गया और सदन के अंदर सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और सदन की कार्यवाही से वाकआउट कर दिया।