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पांडवों का पांगणा है ये
शिकारी देवी पर्वत श्रृंखला के आंचल में बसा मनोहारी एवं सुरम्य स्थल है पांगणा। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य के प्रभाव से 765ईस्वी में राजा वीर सेन ने इस स्थान को सुकेत राज्य की राजधानी के रूप में स्थापित किया था। इतिहासकार इसे महाभारत काल से भी जोड़ते हैं, जिसके यहां पर पर्याप्त साक्ष्य भी उपलब्ध हैं। गांव के मध्य ऊंचे पहाड़ी टीले पर सुकेतुतात्री मूल महामाया का रमणीक मंदिर, शिव मंदिर है जहां भीम का हिडिम्बा के साथ विवाह हुआ था। पांडवों के निवास के कारण पांडवंगन नाम से अस्तित्व में आया यह गांव कालांतर में पांगणा के नाम से प्रसिद्ध हुआ। वर्तमान में ये गांव हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में स्थित है।