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कांग्रेस को बड़ा झटका, पवन काजल और लखविंद्र सिंह राणा ने ज्वाइन की बीजेपी
Last Updated on August 17, 2022 by Neha Raina
चुनावी वर्ष में सियासत में उल्टफेर मचा हुआ है। इस उल्ट-फेर में कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। क्योंकि कांग्रेस के दो मौजूदा विधायक कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में चले गए हैं। इनमें कांगड़ा के विधायक पवन काजल (Pawan Kajal) और नालागढ़ से विधायक लखविंद्र राणा आज बीजेपी (BJP) में शामिल हो गए। इससे पता चलता है कि कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
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विधायक लखविंदर राणा और पवन काजल ने बीजेपी सदस्यता ग्रहण करने के बाद प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) से मुलाकात की। इस दौरान केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, सांसद एवं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, संगठन सचिव पवन राणा और सीएम जयराम के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जामवाल भी उपस्थित रहे।
बताया जा रहा है कि ये दोनों विधायक अपनी अनदेखी के चलते कांग्रेस से नाराज चल रहे थे। पवन काजल को कांग्रेस (Congress) ने कार्यकारी अध्यक्ष तो बनाया था मगर तवज्जो नहीं मिली। बताया जा रहा है कि पवन काजल और सुधीर शर्मा के बीच सबकुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा था। उन्हें लगातार अनदेखा किया जा रहा था। इसी नाराजगी के चलते पवन काजल ने बीजेपी का दामन थाम लियाफ। वहीं इसी तरह नालागढ़ के विधायक लखविंद्र राणा भी बीजेपी में शामिल हो गए। पार्टी उनके विधायक रहते हुए ही उनके सियासी प्रतिद्वंद्वी हरदीप सिंह बावा (Hardeep singh bawa) को बढ़ावा दे रही हैण् जिससे साफ लग रहा है कि पार्टी उनपर बावा को तरजीह दे रही हैए जिसके चलते उन्होंने भी कांग्रेस का हाथ छोड़ने का फैसला लिया है। पार्टी में अनदेखी के कारण लखविंद्र राणा ने बीजेपी का दामन थामा है।
कांगड़ा। पवन काजल के बीजेपी के जाने के बाद कांग्रेस को बहुत भारी नुकसान झेलना पड़ेगा। क्योंकि 15 सीटों वाले जिले में बीजेपी को एक प्रभावशाली नेता मिल गया है जिससे उसको बहुत फायदा मिलने वाला है। पवन काजल लगातार दो बार विधायक रह चुके हैं। वहीं वह ओबीसी (OBC) चेहरा हैं। बीजेपी के पास कांगड़ा में ओबीसी का कोई बड़ा चेहरा नहीं था। जैसे ही कांग्रेस को उनकी बगावत की खबर मिली तो उन्हें आनन-फानन में उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष पद से हटा दिया और पूर्व सांसद चंद्र कुमार को यह जिम्मेदारी सौंप दी गई। वहीं नालागढ़ में भी बीजेपी मजबूत होगी। लखविंद्र सिंह राणा नालागढ़ के विधायक हैं और लंबे समय से वह चुप्पी साधे हुए थे। वह बीजेपी के खिलाफ कोई बयान नहीं दे रहे थे। राणा एबीवीपी व भाजुयमो में सक्रिय रहे हैं।
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