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विधानसभा के शीतकालीन सत्र वाले Tapovan से Pawan Kajal का है एक अलग रिश्ता
Winter Session of Himachal Vidhan Sabha At Tapovan : धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र (Winter Session of Himachal Vidhan Sabha) 18 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है,जाहिर है कि धर्मशाला के तपोवन में चहलकदमी शुरू हो चुकी है। इस बार शीतकालीन सत्र में कुल चार ही बैठकें प्रस्तावित हैं, यानी सत्र 21 दिसंबर तक चलेगा। यानी वर्ष 2006 से धर्मशाला में शीतकालीन सत्र की रिवायत को पूरा करने सरकार यहां आएगी तो विपक्ष भी। धर्मशाला में शीतकालीन सत्र की परंपरा तत्कालीन सीएम वीरभद्र सिंह (Then CM Virbhadra Singh) ने वर्ष 2005 में रखी थी। पहला शीतकालीन सत्र धर्मशाला स्थित राजकीय महाविद्यालय के प्रयास भवन (Prayas Bhawan of Government College Dharamshala) में हुआ था। उसी दौरान वीरभद्र सिंह ने धर्मशाला के तपोवन में प्रदेश के दूसरे विधानसभा भवन की नींव रखी,व इसे रिकार्ड समय यानी एक वर्ष में पूरा कर इसका ना केवल उद्घाटन किया बल्कि यहीं नए भवन में 2006 का पहली बार शीतकालीन सत्र भी करवाया। इस तपोवन भवन के साथ (BJP MLA From Kangra) कांगड़ा के वर्तमान में बीजेपी विधायक पवन काजल का एक अलग सा रिश्ता जुड़ा हुआ है।
पवन काजल के पास था तपोवन का ठेका
धर्मशाला के तपोवन (Tapovan) में बने विधानसभा के दूसरे भवन से जुडा एक रोचक किस्सा ये है कि इसके निर्माण कार्य का ठेका जिस ठेकेदार को मिला था वह आज स्वयं तीसरी मर्तबा कांगड़ा से जीतकर विधानसभा के सदस्य हैं। पवन काजल (Pawan Kajal) उस वक्त सरकारी ठेकेदार (Government Contractor) हुआ करते थे,उन्होंने ही इस भवन का रिकार्ड समय में निर्माण करवाया व आज खुद भी बतौर विधानसभा सदस्य सदन में मौजूद होते हैं। तत्कालीन वीरभद्र सरकार ने अप्पर व लोअर हिमाचल की राजनीति को साधने के लिए ही धर्मशाला में विधानसभा का निर्माण करवाया था। तब से लेकर अब तक हर बार विधानसभा का शीतकालीन सत्र धर्मशाला में ही होता रहा है। तपोवन विधानसभा में साल भर के दौरान केवल एक बार शीतकालीन सत्र पर करोड़ों रुपए खर्च हो जाते हैं।
75 लाख की आबादी और दो विधानसभा
यहां इस बात का उल्लेख किया जाना बेहद जरूरी है कि (Himachal Pradesh) हिमाचल प्रदेश 75 लाख की आबादी वाला छोटा सा पहाड़ी प्रदेश है। बावजूद इसके यहां दो विधानसभा हैं। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर छोटे प्रदेश में दो विधानसभा की जरूरत क्या है। पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में दो विधानसभा के पीछे की वजह सीधे तौर पर राजनीतिक है। पहाड़ी प्रदेश में ऊपरी और निचले हिमाचल की राजनीति (Politics Of Upper And Lower Himachal) देखने को मिलती रही है। हालांकि,अब ये दूरियां पहले की तरह नहीं दिखती अब मसले-मुद्दे कुछ दूसरी तरह के हैं।
-मनोज ठाकुर