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‘Covid वैक्सीन के अभाव में लोगों को 2022 तक Social distancing अपनाना पड़ सकता है’
नई दिल्ली। चीन के वुहान से उपजे कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर पूरी दुनिया में जारी है। इस बीच हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) के शोधकर्ताओं ने एक बड़ा ही परेशान करने वाला दावा किया है। दरअसल हार्वर्ड शोधकर्ताओं ने बताया है कि दुनियाभर में लोगों को कोविड-19 वैक्सीन के अभाव में साल 2022 तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना पड़ सकता है और इसका अनुकरण ना करने से संक्रमण में बढ़ोतरी हो सकती है। बकौल शोधकर्ता, बेशक सोशल डिस्टेंसिंग इस बीमारी के प्रसार को धीमा करेगी लेकिन फिर भी कई लोग वायरस के प्रति अतिसंवेदनशील होंगे।
स्टीफन किसलर के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कोरोना के मौसमी उभार, उसके खिलाफ मौजूद प्रतिरोधक क्षमता और टीकाकरण के जरिये वायरस से मुकाबले की संभावनाओं को परखते हुए भविष्य का अनुमान लगाया। उन्होंने साफ किया कि कोरोना की मौजूदा लहर के भविष्य में काबू में आने के बावजूद समस्या हल नहीं होगी। सर्द तापमान में वायरस लगातार सिर उठाता रहेगा। और चूंकि, अभी कोरोना का कारगर इलाज खोजने में समय लगेगा, इसलिए संक्रमण को दोबारा महामारी बनने से रोकने के लिए 2022 तक दीर्घकालिक या फिर-फिर टुकड़ों-टुकड़ों में सोशल डिस्टेंसिंग लागू करनी पड़ेगी।